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केंद्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की वेतन वृद्धि घोषणा में क्या है झोल?

इस योजना को जितना बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है, उतना फायदा मिलने वाला नहीं है

FP Staff

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर की आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में वृद्धि की घोषणा की.

प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को दिए गए नियमित प्रोत्साहन राशि को भी दोगुना करने की घोषणा की है. इसके अलावा, सभी आशा कार्यकर्ताओं और उनके सहायकों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत मुफ्त बीमा कवर प्रदान करने की भी बात है. लेकिन इस योजना को जितना बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है, उतना फायदा मिलने वाला नहीं है. इस वृद्धि के बाद भी कर्मचारियों को कोई बड़ा फायदा मिलने नहीं जा रहा.


क्या है वृद्धि?

पीएम मोदी की घोषणा के मुताबिक, अब तक 3000 रुपए लेने वाले कार्यकर्ताओं को अब 4500 रुपए मिलेंगे. इसी तरह 2200 रुपए प्राप्त करने वाले लोगों को अब 3500 रुपए मिलेंगे. आंगनवाड़ी सहायकों के लिए वेतन 1500 रुपए से बढ़ाकर 2250 रुपए कर दिया गया है.

अब पूरा मामला समझिए

आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के वेतन में राज्य और केंद्र दोनों ही योगदान देते हैं. इसमें राज्य का 60 प्रतिशत और केंद्र का 40 प्रतिशत का अनुपात होता है. यानी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलरी का 60 प्रतिशत राज्य और केंद्र 40 प्रतिशत देता है. मतलब कि ये बढ़ोत्तरी केंद्र के 40 प्रतिशत में की गई है.

अब, केंद्र ने भले ही ये अपने हिस्से में ये बढ़ोत्तरी कर ली हो, लेकिन सच्चाई ये है कि कई राज्यों की सरकारें पहले ही इससे कई गुना अपने हिस्से में बढ़ोत्तरी कर चुकी हैं. यानी कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में केंद्र की ओर से कुछ खास बढ़ोत्तरी नहीं की गई है और कार्यकर्ताओं को ज्यादा फायदा नहीं मिलेगा.

इन राज्यों में है ये सैलरी

द इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, पुडुचेरी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन 19,840 और सहायकों का वेतन 13,330 रुपए है. दिल्ली में कार्यकर्ताओं को 9,638 और सहायकों को 4,839 रुपए, आंध्र प्रदेश में कार्यकर्ताओं को 7,100 और सहायकों को 4,600 रुपए, केरल में कार्यकर्ताओं को 10,000 और सहायकों को 7,000 रुपए, कर्नाटक में कार्यकर्ताओं को 8,000 और सहायकों को 4,000 और ओडिशा में कार्यकर्ताओं को 6,000 और सहायकों को 3,000 रुपए मिलते हैं.

हालांकि, हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने अभी तक सैलरी में बढ़ोत्तरी को लागू नहीं किया है.