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जयललिता की मौत पर अस्पताल का खुलासा, 'पुलिस के कहने पर बंद किए थे कैमरे'

अस्पताल के भीतर डायग्नोस्टिक परीक्षण जैसे स्कैन के लिए दिवंगत मुख्यमंत्री को जब भी कमरे से बाहर ले जाया गया. उस समय उस रास्ते के कैमरा को स्विच ऑफ कर दिया गया

Bhasha

अपोलो हॉस्पिटल ने दिवंगत जयललिता की मौत की जांच कर रहे आयोग से कहा है कि पुलिस के निर्देश के आधार पर परिसर के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री की आवाजाही के दौरान गलियारे का सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिया गया था. कानूनी प्रबंधक एस एम मोहन कुमार ने अस्पताल की ओर से एक हलफनामे में जस्टिस ए अरुमुगास्वामी जांच आयोग को अवगत कराया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने वाले चलन को देखते हुए अस्पताल में ट्रीटमेंट रूम, आईसीयू या सीसीयू में सीसीटीवी कैमरा नहीं है.

अस्पताल का पक्ष रखने वाली वकील मैमूना बादशा ने शुक्रवार को सौंपे हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर गलियारें और प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था. सीसीटीवी कैमरा और अस्पताल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के संबंध में आयोग के दो सवालों के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया है.


उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘अस्पताल के भीतर डायग्नोस्टिक परीक्षण जैसे स्कैन के लिए दिवंगत मुख्यमंत्री को जब भी कमरे से बाहर ले जाया गया. उस समय उस रास्ते के कैमरा को स्विच ऑफ कर दिया गया था.' उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (खुफिया) के एन सत्यमूर्ति सहित पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर ऐसा किया गया था.