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ऑनलाइन परीक्षा का कमाल: CBSE ने 50 हजार पेड़ और 100 करोड़ रुपए बचाए

डिजिटल सिस्टम से 50 लाख कागज का बंडल बचा जिसका उपयोग परीक्षा बुलेटिन, एडमिट कार्ड, हाजिरी रजिस्टर और अन्य मटीरियल छापने में होता है. इस छपाई का आंकड़ा तकरीबन 30 करोड़ पेज का बैठता है

FP Staff

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि ऑनलाइन परीक्षा आयोजित किए जाने से 50 हजार पेड़ों के कटने और 100 करोड़ रुपए की बचत हुई है.

हाल में संपन्न सीबीएसई की परीक्षाओं में न के बराबर कागज का उपयोग किया गया. इन परीक्षाओं के दौरान लगभग 6 महीनों में 21 डिजिटल पहल किए गए. इससे न सिर्फ पेड़ों की कटाई से छुटकारा मिला, बल्कि 100 करोड़ रुपए का खर्चा भी बचा.


बोर्ड ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, डिजिटल पहल से 50 लाख कागज का बंडल बचा जिसका उपयोग परीक्षा बुलेटिन, एडमिट कार्ड, हाजिरी रजिस्टर और अन्य मटीरियल छापने में होता है. इस छपाई का आंकड़ा तकरीबन 30 करोड़ पेज का बैठता है.

सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने अखबार को बताया, सीबीएसई हर साल प्रत्येक परीक्षार्थी के लिए लगभग 20 पेज छापता है. डेढ़ करोड़ परीक्षार्थियों के लिए यह संख्या 30 करोड़ पेजों की बनती है. ऑनलाइन परीक्षा होने से इस स्तर का कार्बन उत्सर्जन बचाया गया है.

ऑनलाइन परीक्षा अभियान के पीछे स्कूलों की संबद्धता (एफलिएशन) और परीक्षा पद्धति में बदलाव की बड़ी भूमिका है. बोर्ड की अध्यक्ष अनिता करवाल के मुताबिक, ऑनलाइन परीक्षा होने से सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ी है. साथ ही भूल-चूक की संभावना भी काफी हद तक कम हुई है.

करवाल ने कहा, ऑनलाइन सिस्टम ने समय बचाया है जिस कारण रिजल्ट निर्धारित तारीखों से पहले घोषित कर दिए गए. इस सिस्टम ने हमें 10वीं क्लास के मैथ्स पेपर की परीक्षा दोबारा न लेने का फैसला कराया क्योंकि हमने वक्त रहते इसके प्रभावों का हिसाब लगा लिया.

त्रिपाठी ने करवाल की बातों पर ठप्पा लगाते हुए कहा कि भविष्य में पेपर लीक जैसी समस्या रोकने में भी यह सिस्टम काफी मदद करेगा.