इस साल कक्षा 10वीं और 12वीं के पेपर लीक होने के बाद CBSE को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. ऐसे में अब पेपर लीक की समस्या से निपटने के लिए CBSE ने माइक्रोसोफ्ट की मदद से डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है. CBSE की योजना इस प्लेटफॉर्म के जरिए छात्रों को डिजिटल पेपर उपलब्ध कराने की है. सीबीएसई ने 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा के दौरान इसका सफल परीक्षण भी किया. 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा देश के 487 केंद्रों में कराई गई थी.
पेपर लीक होने के बाद भी नहीं कर पाएंगे डाउनलोड
माइक्रोसोफ्ट के एमडी अनिल भंसाली ने बताया कि CBSE के लिए तैयार किया गया ये डिजिटल प्लेटफॉर्म अपने पहले टेस्ट में पास हो चुका है. उन्होंने बताया कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए डिजिटल पेपर परीक्षा केंद्रों में परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले ही पहुंचेगा. इसी के साथ पेपर पर परीक्षा केंद्र का वॉटर मार्क लगा होगा.
भंसाली ने बताया कि अगर इन सब के बावजूद पेपर लीक हो जाता है तो हैकर्स इसे परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट बाद ही इसे डाउनलोड कर पाएंगे. इस तरह अगर पेपर लीक हो भी गया, तो भी इसका कोई मतलब नहीं रहेगा.
कैसे काम करेगा ये सिस्टम?
टीचर्स विंडोज 10 और माइक्रोसोफ्ट 365 के जरिए पूरे प्रोसेस को ट्रैक कर सकेंगे. टीचर्स को परीक्षा के पेपर डाउनलोड करने के लिए पहले वैरिफिकेशन करना होगा. असल में ये पूरा सिस्टम इनक्रिप्टेड होगा और दो तरह के वैरिफिकेशन के बाद ही चालू होगा. पेपर डाउनलोड करने के लिए ओटीपी और बायोमीट्रिक वैरिफिकेशन होगा.