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पेपर लीकः मेल से मिली चेतावनी के बाद भी क्यों नहीं जागा सीबीएसई?

दिल्ली पुलिस ने गूगल को पत्र लिख कर उस व्हिसलब्लोअर की जानकारी मांगी है जिसने सीबीएसई को परीक्षा के कई घंटे पहले एक मेल भेजकर पेपर लीक होने की जानकारी दी थी

Ravishankar Singh

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पेपर लीक मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. देश के कई राज्यों से छात्रों के द्वारा शिकायत दर्ज कराने की बात सामने आ रही है. लुधियाना की एक छात्रा ने कहा है कि 17 मार्च को ही उसने सीबीएसई और पीएमओ को पत्र लिख कर 12वीं के अर्थशास्त्र पेपर लीक होने की जानकारी दे दी थी.

इधर देश के राज्यों से मिल रही शिकायतों के बाद दिल्ली पुलिस ने जांच का अपना दायरा बढ़ा दिया है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सीबीएसई के एग्जामिनेशन कंट्रोलर से तकरीबन चार घंटे तक पूछताछ की. दिल्ली पुलिस ने एग्जामिनेशन कंट्रोलर से अपनी पूछताछ में सवाल किया कि सीबीएसई परीक्षा को लेकर किस तरह के सुरक्षा के प्रबंध किए जाते हैं? पेपर की प्रिंटिंग कहां पर होती है?  परीक्षा केंद्र तक प्रश्न पत्र कैसे पहुंचाए जाते हैं? साथ ही पेपर लीक की खबर मिलने पर सीबीएसई ने तत्काल क्या-क्या कदम उठाए?


सीबीएसई की 12वीं इकोनॉमिक्स और 10वीं मैथ्स का पेपर लीक होने के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच अब तक 45 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर चुकी है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक दो दर्जन से भी ज्यादा लोगों के मोबाइल फोन भी अपने कब्जे में लिए हैं.

दिल्ली पुलिस ने गूगल से मांगी थी मदद 

पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस ने गूगल को भी पत्र लिख कर एक जी-मेल अकाउंट की जानकारी मांगी है. दिल्ली पुलिस ने गूगल को लिखे पत्र में अनुरोध किया है कि वह उस व्हिसलब्लोअर की जानकारी दे जिसने सबसे पहले सीबीएसई को परीक्षा के कई घंटे पहले एक मेल कर पेपर लीक होने की चेतावनी दी थी. व्हिसलब्लोअर के उस मेल में हाथ से लिखे प्रश्नपत्रों की तस्वीर भी अटैच थी.

इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के राजेंद्र नगर में मौजूद एक कोचिंग संस्थान के मालिक से दोबारा पूछताछ की है. दिल्ली पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि पेपर लीक मामले में कम से कम एक हजार छात्रों को प्रश्न पत्र मिले थे. इसके बावजूद दिल्ली पुलिस असली गुनहगार तक पहुंचने में अब भी नाकाम साबित हुई है.

दूसरी तरफ देश के दूसरे राज्यों से भी पेपर लीक मामले के तार जुड़ने की बात सामने आ रही है. सीबीएसई प्रश्न पत्र लीक मामले के तार झारखंड के चतरा से भी जुड़ गए हैं. इस सिलसिले में चतरा सदर थाना में संदिग्ध लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है.

झारखंड पुलिस की टीम जवाहर नवोदय विद्यालय के शिक्षकों से भी पूछताछ कर रही है और संदिग्ध कोचिंग संस्थानों पर भी नजर रख रही है. झारखंड पुलिस ये मालूम करना चाहती है कि इनके तार झारखंड से बाहर कहां तक जुड़े हैं.

केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्‍वरूप ने शुक्रवार शाम को लीक हुए पेपर्स की दोबारा परीक्षा की तारीखों का ऐलान किया है. अब 12वीं अर्थशास्‍त्र का पेपर 25 अप्रैल को होगा जबकि 10वीं की परीक्षा जुलाई में होगी. 10वीं की परीक्षा केवल दिल्‍ली और हरियाणा के बच्‍चों की ही दोबारा से होगी. शिक्षा सचिव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि यह फैसला परफेक्‍ट नहीं है लेकिन दूसरा कोई विकल्‍प भी नहीं है.

सरकार दे रही है सफाई, पर पार्टी के अंदर ही घिर रही है सरकार 

इधर सीबीएसई पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार पर राजनीतिक दलों के हमले तेज हो गए हैं. दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर कहा है कि दो परीक्षाएं दोबारा कराने का ऐलान हुआ है लेकिन खबरें हैं कि कई पेपर लीक हुए हैं. परीक्षा की पवित्रता बनाए रखने के लिए उचित जांच जरूरी है. इस मामले को लेकर देश के सभी राज्‍यों के शिक्षामंत्रियों की बैठक बुलाई जाए और नई नीति बनाई जाए.

खुद बीजेपी के ही राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने री-टेस्‍ट पर सवाल उठाए हैं. चंद्रशेखर का कहना है कि री-एग्‍जाम के बजाय जांच कर यह पता लगाया जाए कि लीक पेपर से किनको फायदा हुआ है. केवल उन्‍हीं के नतीजे रद्द किए जाए.

इधर पेपर लीक मामले के बाद दोबारा परीक्षा कराए जाने और नहीं कराए जाने के पसोपेश में फंसे छात्रों और अभिभावकों का पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. देश के कई राज्‍यों में सीबीएसई की कार्यशैली को लेकर नाराजगी देखी जा रही है.

शुक्रवार को भी दिल्ली में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया गया. जंतर-मंतर से लेकर सीबीएसई मुख्यालय तक छात्र और अभिभावक सीबीएसई को ही इस घटना का जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के आवास के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई थी.

अब ऐसे में सवाल यह उठने लगा है कि सीबीएसई को पेपर लीक की लगातार मिल रही शिकायतों के बावजूद परीक्षा कैसे होती रही? उसने इस पर ध्यान देना जरूरी क्यों नहीं समझा?