अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के एक अन्य नेता को अवैध खनन मामले में समन कर सकती है. अधिकारी का कहना है कि शनिवार को सीबीआई ने इसी मामले में 14 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की है.
जिन प्रमुख लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई उनमें 2008 बैच की आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला का भी नाम है. अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने जालौन, हमीरपुर, लखनऊ और राष्ट्रीय राजधानी सहित कई इलाकों में छापेमारी की.
संभावनाएं हैं कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा सीबीआई गायत्री प्रजापति से भी पूछताछ कर सकती है. प्रजापति को साल 2017 में चित्रकूट की रहने वाली एक महिला द्वारा बलात्कार की शिकायत के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
एनजीटी के प्रतिबंध के बाद भी बांटे लाइसेंस
यह आरोप लगाया जाता है कि अधिकारियों ने साल 2012 से 2016 के दौरान अवैध खनन होने दिया और खनन पर एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के प्रतिबंध के बाद भी नए लाइसेंस जारी किए. यह भी आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने खनिजों की चोरी को भी अनुमति दी और लीज धारकों और ड्राइवरों से पैसे भी बसूले.
2016 में, मामूली खनिजों के अवैध खनन के मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने सात प्रारंभिक जांच रिपोर्ट दायर की थीं. इसके बाद कई धाराओं के तहत लोगों और लोक सेवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.