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सीबीआई इंचार्ज डायरेक्टर की नियुक्ति पर सरकार को नोटिस

सीबीआई डायरेक्टर की अस्थाई नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

Ravishankar Singh

सीबीआई डायरेक्टर की अस्थाई नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. मोदी सरकार ने कुछ दिन पहले ही गुजरात कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को इंचार्ज डायरेक्टर बनाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने इंचार्ज डायरेक्टर बनाए जाने वाले मामले पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से 7 दिन में जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होने वाली है.


इंचार्ज डायरेक्टर की नियुक्ति पर सवाल

इंचार्ज डायरेक्टर राकेश अस्थाना की नियुक्ति को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी. प्रशांत भूषण ने एक याचिका में कहा था कि केंद्र सरकार ने राकेश अस्थाना को इंचार्ज डायरेक्टर गैरकानूनी तरीके से बनाया है.

याचिका में दावा किया गया है कि सरकार ने सीबीआई के डायरेक्टर अनिल सिन्हा के पद छोड़ने से ठीक पहले रुपक कुमार दत्ता का ट्रांसफर कर दिया. अनिल सिन्हा के बाद रुपक कुमार दत्ता ही नंबर टू की पोजिशन पर थे.

प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका में दावा किया था कि सरकार का यह निर्णय पहले से ही तय था. सीबीआई की नियुक्ति के लिए जो कॉलेजियम गठित की गई थी, उसकी एक भी बैठक सरकार ने अभी तक नहीं बुलाई है.

सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति देश के प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और नेता विपक्ष की सहमति से होती है.

फैसले पर सवाल

1 दिसंबर की रात को एक चौंकाने वाला निर्णय करते हुए सीबीआई में नंबर 2 रहे स्पेशल डायरेक्टर रूपक कुमार दत्ता को गृहमंत्रालय में ट्रांसफर कर दिया गया था. एडिशनल डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे नंबर तीन की पोजिशन वाले आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को प्रमोशन दे कर इंचार्च डायरेक्टर बना दिया गया था.

8 दिसंबर को पीएमओ ने लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे 16 दिसंबर के बाद अपनी सुविधा के अनुसार वक्त बताने को कहा है. सीबीआई की अंतरिम डायरेक्टर की नियुक्ति के बाद खड़गे ने इस पर सवाल खड़े किए थे और प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था.