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अस्थाना केस की जांच कर रही टीम में बड़े बदलाव, CBI ने ऊपर से नीचे तक बदले अधिकारी

सीबीआई ने इस जांच पर उठ रहे सवालों के बीच जांच अधिकारी से लेकर पर्यवेक्षक स्तर तक के अधिकारी बदल दिए गए हैं

Bhasha

सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही टीम में बड़े बदलाव किए हैं. अब इस जांच टीम में बिल्कुल नए चेहरे शामिल किए गए हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि जांच अधिकारी से लेकर पर्यवेक्षक स्तर तक के अधिकारी बदल दिए गए हैं.


अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार की देर रात सीबीआई प्रमुख का प्रभार संभालने वाले 1986 बैच के ओड़िशा कैडर के आईपीएस अधिकारी एम. नागेश्वर राव ने पुलिस अधीक्षक के तौर पर सतीश डागर को अस्थाना के खिलाफ दर्ज मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है.

डागर इससे पहले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ मामलों की जांच कर चुके हैं.

पुलिस अधीक्षक डागर की ओर से की जाने वाली जांच के पहले पर्यवेक्षण अधिकारी होंगे डीआईजी तरुण गाबा, जिन्होंने व्यापमं घोटाले के मामलों की जांच की थी. संयुक्त निदेशक स्तर पर वी. मुरुगेशन को लाया गया है. वह सीबीआई मुख्यालय में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई-एक के संयुक्त निदेशक होंगे.

अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कोयला घोटाले की जांच में मुरुगेशन पर भरोसा जताया था.

पिछले जांच अधिकारी डीएसपी ए. के. बस्सी का तबादला कर ‘जनहित’ में उन्हें ‘तत्काल प्रभाव’ से पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया है. सीबीआई की ओर से जारी आदेश में यह जानकारी दी गई.

अस्थाना ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से की गई शिकायत में आरोप लगाया था कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के निर्देश पर बस्सी उनके खिलाफ ‘भटकाने वाली जांच’ कर रहे हैं. सरकार ने वर्मा और अस्थाना से सारे अधिकार वापस ले लिए हैं.

एक अन्य आदेश में सीबीआई ने संयुक्त निदेशक (नीति) अरुण कुमार शर्मा का तबादला कर उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की जांच कर रही मल्टी-डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) के संयुक्त निदेशक पद पर तैनात किया है.

वरिष्ठ अधिकारी ए. साई मनोहर का तबादला कर उन्हें चंडीगढ़ जोन का संयुक्त निदेशक बनाया गया है जबकि डीआईजी आर्थिक अपराध-तीन के पद पर कार्यरत अमित कुमार संयुक्त निदेशक (नीति) का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे.