वरिष्ठ पत्रकार और एनडीटीवी के फाउंडर और एग्जीक्यूटिव को- चेयरपर्सन प्रणय रॉय के आवास पर सीबीआई का छापा पड़ा है. बताया जा रहा है कि सीबीआई ने देर रात प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय के दिल्ली और देहरादून के आवास पर छापा मारा है.
बताया जा रहा है कि मामला बैंक को हुए नुकसान से जुड़ा है. इस मामले में एक एफआईआर भी दर्ज हुई है. द न्यूज मिनट वेबसाइट के मुताबिक एनडीटीवी बैंक लोन का डिफॉल्टर है. बताया जा रहा है कि इस ग्रुप ने 48 करोड़ का लोन किसी कंपनी के जरिए आईसीआईसीआई बैंक से लिया था.
प्रणय रॉय पर फंड डायवर्जन का आरोप है. सीबीआई प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय से इस मामले में भी पूछताछ कर रही है. प्रणय रॉय के घर सीबीआई छापे को लेकर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा है कि कानून का डर जरूरी है और ये सब पर लागू होना चाहिए फिर चाहे आप कोई भी हो.
एनडीटीवी ने इस मामले पर अपनी बात रखी
सीबीआई रेड पर एनडीटीवी ने अपनी वेबसाइट पर अपनी बात रखी है. अपने ऑफिशियल स्टेटमेंट में एनडीटीवी ने लिखा है-
सीबीआई ने एनडीटीवी और उसके प्रमोटर्स को वही पुराने और झूठे आरोपों को लेकर आज सुबह निशाना बनाया. कई एजेंसियों द्वारा निशाना बनाए जाने के खिलाफ एनडीटीवी और उसके प्रमोटर अंत तक लड़ेंगे. भारत के लोकतंत्र और बोलने की आजादी को कमजोर करने की इन कोशिशों के खिलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे.
भारत के संस्थानों को बर्बाद करने की कोशिश करने वालों के लिए हमारे पर एक संदेश है और वो ये है कि हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन शक्तियों पर जीत हासिल करेंगे.
स्वामी ने की थी सीबीआई जांच की मांग
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर एनडीटीवी के खिलाफ 2,030 करोड़ रुपए का नोटिस जारी किया था. ईडी का ये नोटिस एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय, राधिका रॉय और सीनियर एग्जीक्यूटिव केवीएल नारायण राव के खिलाफ जारी किया गया था.
आपको बता दें कि पिछले साल बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एनडीटीवी पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया था. स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई और ईडी से इस मामले में जांच कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि सीबीआई और ईडी एनडीटीवी नेटवर्क के शेयरहोल्डर्स से पूछताछ करे.
क्या कहती है caravan की रिपोर्ट
वहीं 2015 में Caravan में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 के मध्य के बाद से रॉय द्वारा की गई फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस पर सरकारी एजेंसियां की करीबी नजर थी. अगर एनडीटीवी पर लगे आरोप सच साबित होते हैं, तो इससे चैनल की छवि को भारी नुकसान पहुंचेगा.
इसके पहले सेबी ने 2016 में एनडीटीवी और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ एक्शन लिया था. सेबी का आरोप था कि 2009 में टेलीविजन कंपनी के भीतर पदों को लेकर जो बदलाव हुए उसकी जानकारी सेबी को नहीं दी गई थी.
जून 2015 में सेबी ने एनडीटीवी पर 2 करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. सेबी ने फायनेंसियल जानकारी छुपाने की वजह से ये जुर्माना लगाया था.
आपको बता दें कि हाल ही में एनडीटीवी ने अपने बिजनेस चैनल एनडीटीवी प्रॉफिट को भी बंद कर दिया था.