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इन 7 खास हाईप्रोफाइल केस के साथ जुड़े थे CBI चीफ आलोक वर्मा, ये है पूरी रिपोर्ट

सीबीआई डायरेक्टर बनने के बाद आलोक वर्मा ने सबसे प्रमुख केस अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील की जांच की थी, इस केस की जांच में राकेश अस्थाना बतौर सहयोगी उनके साथ जुड़े थे

FP Staff

सीबीआई के अंदर ही चल रही लड़ाई में इस जांच एजेंसी की विश्वसनीयता को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इस पर मंडरा रहे खतरे को देखकर केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना पड़ा. आखिरकार कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया ताकि चल रहा गतिरोध थम सके.

सीबीआई के शीर्ष दो अफसरों को छुट्टी पर भेज दिए जाने के बाद ज्वाइंट डायरेक्टर एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम डायरेक्टर बनाया गया. वहीं चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना से वह सभी केस छीन लिए गए, जिसकी वह दोनों जांच कर रहे थे. दोनों अफसर कई हाईप्रोफाइल केस से जुड़े थे, जिनसे कई बड़ी हस्तियों के कनेक्शन रहे हैं. इन मामलों में नेता, बिजनेसमैन आदि वीआईपी लोग शामिल हैं. अब इन दोनों अफसरों के छुट्टी पर जाने से इन मामलों की जांच प्रभावित होना तय माना जा रहा है.


अगर सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की बात करें तो वह सीबीआई में स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) का नेतृत्व कर रहे थे. सीबीआई की एसआईटी के हवाले न केवल हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे मीट कारोबारी मोइन कुरैशी का केस था, बल्कि यह टीम बैंक घोटाले के आरोपी और भगोड़े विजय माल्या के केस की भी छानबीन कर रही थी. इसके अलावा रॉबर्ट वाड्रा, हरियाणा में जमीन आवंटन घोटाला, सहित एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में फंसे पी चिदंबरम और उनके बेटे के खिलाफ जांच का मामला राकेश अस्थाना ही देख रहे थे.

यूपीए में हुए बहुचर्चित कोयला घोटाले की जांच भी राकेश अस्थाना के नेतृत्व वाली एसआईटी के हवाले थी. लालू यादव के चारा घोटाले वाले केस से लेकर उनके परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की फाइल की हर जांच राकेश अस्थाना ने अपने हाथों में ले रखी थी. वहीं सीबीआई डायरेक्टर बनने के बाद आलोक वर्मा ने सबसे प्रमुख केस अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील की जांच की थी. इस केस की जांच में राकेश अस्थाना बतौर सहयोगी उनके साथ जुड़े थे. आइए आपको बताते हैं उन 7 हाईप्रोफाइल केस के बारे में जिसकी जांच सीबीआई चीफ आलोक वर्मा कर रहे थे-

फ्रांस के साथ राफेल फाइटर डील में कथित अनियमितताओं के खिलाफ शिकायत-

सूत्रों का कहना है कि इस मामले में आलोक वर्मा जल्द ही फैसला लेने वाले थे. गत 4 अक्टूबर को ही आलोक वर्मा को इससे जुड़ी 132 पन्नों की शिकायत मिली थी. यह शिकायत केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वकील प्रशांत भूषण ने दर्ज की थी.

भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) रिश्वत का मामला-

सूत्रों की मानें तो इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज आईएम कुदुशी जुड़े थे. कुदुशी के खिलाफ चार्जशीट तैयार हो चुकी थी. बस उसमें आलोक वर्मा का हस्ताक्षर होना बाकी था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस एस एन शुक्ला का मामला-

इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस एस एन शुक्ला को मेडिकल एडमिशन में भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत छुट्टी पर भेज दिया गया था. सूत्रों की मानें तो पीई तैयार की जा चुकी थी बस उस पर आलोक वर्मा के हस्ताक्षर होने बाकी थे.

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की चिट्ठी-

सीबीआई चीफ आलोक वर्मा बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की एजेंसी को भेजी गई चिट्ठी की भी जांच कर रहे थे. इस चिट्ठी में सुब्रमण्यम स्वामी ने वित्त और राजस्व सचिव हंसमुख अधिया के खिलाफ शिकायत की थी.

कोयला खानों के आवंटन का मामला-

कोयला खानों के आवंटन के मामले में प्रधानमंत्री के सचिव आईएएस अधिकारी भास्कर कुलबे पर लगे आरोपों की जांच भी आलोक वर्मा कर रहे थे.

दिल्ली में राजनेताओं को रिश्वत देने वाले शख्स को पकड़ने का मामला-

अक्टूबर महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली के रहने वाले एक व्यक्ति को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उस शख्स के पास से 3 करोड़ रुपए कैश भी मिले थे. उसने सीबीआई को बताया था कि वह राजनेताओं और अधिकारियों को सीनियर पब्लिक सेक्टर यूनिट में नियुक्तियों के लिए रिश्वत देता था.

स्टर्लिंग बायोटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामला-

संदेशारा और स्टर्लिंग बायोटेक मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच लगभग खत्म होने वाली थी लेकिन उससे पहले ही आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया.