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एयरसेल मैक्सिस घोटाले में चिदंबरम बनाए गए आरोपी, कहा- CBI पर दबाव बनाया गया

पी चिदंबरम ने कहा, 'सीबीआई पर मेरे खिलाफ निरर्थक आरोपों के आधार पर चार्जशीट दाखिल करने का दबाव बनाया गया. केस अब कोर्ट में है और हम पूरी ताकत से लड़ेंगे. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहूंगा.'

FP Staff

सीबीआई ने एयरसेल मैक्सिस डील मामले में पूर्व वित्रमंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ बुधवार को चार्जशीट दाखिल की. इस मामसे में सीबीआई ने चिदंबरम समेत 17 लोगों के खइलाफ चार्जशीट दाखिल किया है. इस मामले में 31 जुलाई को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनावई होगी. इनमें से 11 व्यक्ति हैं और सात कंपनियां हैं.

बता दें प्रवर्तन निदेशालय ने इससे पहले दाखिल चार्जशीट में कहा है कि एयरसेल ने 2006 में 3,500 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लाने के लिए इजाजत मांगी थी लेकिन वित्त मंत्रालय ने इन आंकड़ों को कम करके दिखाया.


सीबीआई के चार्जशीट दायर करने के बाद पी चिदंबरम ने कहा, 'सीबीआई पर मेरे खिलाफ निरर्थक आरोपों के आधार पर चार्जशीट दाखिल करने का दबाव बनाया गया. केस अब कोर्ट में है और हम पूरी ताकत से लड़ेंगे. इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कहूंगा.'

ईडी के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने मामले को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के पास जाने से बचाने के लिए दिखाया कि एयरसेल ने सिर्फ 180 करोड़ रुपए की FDI के लिए इजाजत मांगी है. उस समय लागू नियमों के मुताबिक 600 करोड़ रुपए तक के विदेशी निवेश को वित्त मंत्री FIPB के जरिए मंजूरी दे सकते थे.

ईडी का कहना है कि पी चिदंबरम को 600 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्‍ट प्रपोजल्‍स को मंजूरी देने का अधिकार था. इससे ऊपर के प्रोजेक्‍ट के लिए कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी की जरूरत थी.

यह मामला 3,500 करोड़ रुपए की एफडीआई की मंजूरी का था, इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना मंजूरी दी.

(साभार: न्यूज़18)