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CBI रिश्वतखोरी मामला: बिचौलिए आरोपी मनोज प्रसाद और सना की पॉलिग्राफी टेस्ट पर सुनवाई 4 फरवरी को स्थगित

रिश्वत कांड मामले में जांच कर रहे सीबीआई अधिकरियों ने कोर्ट से बिचौलिए मनोज प्रसाद और शिकायतकर्ता सतीश साना की पॉलिग्राफिक टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है

FP Staff

सीबीआई रिश्वतखोरी मामले में आज यानी गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाईकोर्ट ने सुनवाई की तारीख बढ़ा दी है. मामले की अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी.

रिश्वत कांड मामले में जांच कर रहे सीबीआई अधिकरियों ने कोर्ट से बिचौलिए मनोज प्रसाद और शिकायतकर्ता सतीश साना की पॉलिग्राफिक टेस्ट कराने की अनुमति मांगी है. पॉलिग्राफिक टेस्ट के जिए अभियुक्त सच बोल रहा है या झूठ इसका पता चल जाता है.

क्या है पूरा मामला?

मनोज प्रसाद पर सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की तरफ से रिश्वत लेने का आरोप है. मनोज दुबई के रहने वाले इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं. इधर हैदराबाद का रहने वाला सतीश साना मीट एक्सपोर्टर मोईन कुरैशी से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई की नजर में थे. साना की मुलाकात मनोज से दुबई में हुई थी. यहां मनोज ने साना को कहा कि उसके सीबीआई से काफी अच्छे संबंध हैं और वह मोइन कुरैशी से जुड़े केस मामले में उनकी मदद कर सकता है.

सना के मुताबिक, मनोज प्रसाद सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की तरफ से डील कर रहा था. उसने वादा किया था कि अगर 5 करोड़ रुपए दिए गए तो सीबीआई उसके खिलाफ नरमी बरतेगी.

बीते नवंबर में सीबीआई के एक अधिकारी मनीष कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में आरोप लगाया था कि गिरफ्तार बिजनेसमैन मनोज प्रसाद ने अजित डोवाल, केंद्रीय मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी और सीवीसी केवी चौधरी ने राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी.

2000 बैच के आईपीएस अधिकारी मनीष कुमार सिन्हा ने 30 पन्ने की याचिका में आरोप लगाया था कि बिजनेसमैन मनोज प्रसाद ने शेखी बघारी थी कि उसके पिता के बहुत अच्छे संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवाल के साथ में हैं.

सीबीआई ने 16 अक्टूबर को मनोज प्रसाद को रिश्वतखोरी के प्रकरण में गिरफ्तार किया था.