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'ट्वेंटी वन मंथ्स ऑफ हेल': केरल सेंसर बोर्ड ने की एक और फिल्म खारिज

यदु के तर्क के अनुसार उनकी फिल्म अपातकाल के बाद आरएसएस और जनसंघ के लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के संघर्ष को दर्शाती है, शायद इसी कारण से बोर्ड ने उनकी फिल्म रिजेक्ट कर दी है

FP Staff

सेंसर बोर्ड पर एक बार फिर फिल्म पास न करने का आरोप लगा है. इस बार केरल के एक डायरेक्टर यदु विजयकृष्णन ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि उनकी डॉक्युमेंट्री फिल्म 'ट्वेंटी वन मंथ्स ऑफ हेल' जो कि अपातकाल पर आधारित है को  केरल स्थित फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया है.

फिल्मकार के मुताबिक उनकी फिल्म को पूरी तरह से रिजेक्ट कर दिया गया है और इसका कोई कारण और सुधार तक नहीं बताया है. यदु ने बताया कि उनकी फिल्म को अब पुनःसमीक्षा के लिए फिल्म प्रमाणन बोर्ड के मुंबई मुख्यालय भेजा जाएगा.

सेंसर बोर्ड पर अब तक आरोप लगते आए हैं कि वह बीजेपी और आरएसएस के ऐजेंडे से इतर फिल्मों को प्रमाण नहीं देते हैं लेकिन इस बार यदु ने केरल स्थित सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर वामपंथी और कांग्रेसी मानसिकता से ग्रसित होने का आरोप लगाया है. क्योंकि केरल बोर्ड में ज्यादातर सदस्य वामपंथी और कांग्रेसी हैं.

यदु के तर्क के अनुसार उनकी  फिल्म अपातकाल के बाद आरएसएस और जनसंघ के लोकतंत्र को पुनर्स्थापित करने के संघर्ष को दर्शाती है, शायद इसी कारण से बोर्ड ने उनकी फिल्म रिजेक्ट कर दी है.