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कर्नाटक सरकार को सुप्रीम कोर्ट का झटका, समीक्षा याचिका को किया खारिज

इस आदेश में कोर्ट ने 27 सितंबर तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 6000 क्यूसेक कावेरी नदी का पानी जारी करने को कहा था

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उससे 20 सितंबर 2016 के आदेश की समीक्षा मांग गई थी.


इस आदेश में कोर्ट ने 27 सितंबर तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 6000 क्यूसेक कावेरी नदी का पानी जारी करने को कहा था.

अदालत ने कहा कि यह निर्थक हो गया है क्योंकि उसके बाद कई आदेश पारित किए जा चुके हैं.

जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की पीठ ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि उसने 20 सितंबर के निर्देश के बाद कई आदेश पारित किए हैं. इसलिए मौजूदा याचिका निर्थक हो गई है.

कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को 6000 क्यूसेक पानी छोड़ेने का निर्देश दिया था

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 20 सितंबर को कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया था कि वह 27 सितंबर तक तमिलनाडु को प्रतिदिन 6000 क्यूसेक पानी छोड़े. उसने निगरानी समिति द्वारा 3000 क्यूसेक तक पानी छोड़ने की निर्धारित सीमा बढ़ा दी थी.

इस बीच सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफाडे ने तटीय राज्य में गंभीर पेयजल संकट के मुद्दे को उठाया और आरोप लगाया कि कर्नाटक अपने दायित्व को पूरा नहीं कर रहा है.

उन्होंने कहा, ‘हम तमिलनाडु में गंभीर पेयजल की समस्या का सामना कर रहे हैं, लेकिन कर्नाटक हमे पानी नहीं दे रहा है.’ सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 21 मार्च को कहा कि कर्नाटक द्वारा 2000 क्यूसेक पानी छोड़ने के सभी अंतरिम आदेश अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे.