भारत के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने वीवीआईपी लोगों की हवाई सुविधाओं पर खर्च हुए करोड़ों रुपए सरकार से वसूल न पाने को लेकर एयर इंडिया से जवाब मांगा है.
देश के शीर्ष ऑडिटर ने सरकार और एयर इंडिया से वीवीआईपी की चार्टर्ड उड़ानों पर खर्च किए गए पैसे की वसूली के लिए अधिक प्रयास करने को कहा है.
कैग की इस साल मार्च में जारी ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले में एयर इंडिया की कुल बकाया राशि 31 मार्च, 2016 को 513.27 करोड़ रुपए थी.
सीएजी ने सख्ती दिखाते हुए एयर इंडिया से कहा है कि चार्टर्ड फ्लाईट पर बकाया वसूलने की प्रक्रिया में तेजी लाए.
इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई ऐक्टिविस्ट लोकेश बत्रा ने बताया है कि इसमें से 472.09 करोड़ रुपए वीवीआईपी उड़ानों के परिचालन और 41.18 करोड़ रुपए विदेश मंत्रालय के विभिन्न अभियानों पर खर्च हुए हैं. इनलोगों में प्रेसिडेंट और वाइस प्रेजिडेंट के साथ अन्य लोग शामिल हैं.
बत्रा ने इस मामले में आरटीआई दाखिल की थी, जिसमें यह जानकारी सामने आई. इनमें कहा गया कि वीवीआईपी दौरों पर जाने वाली विमानों के रखरखाव के लिए फंड की जरूरत है.
रिपोर्ट में एयरलाइन की इस बात के लिए भी खिंचाई की गई है कि उसने आमदनी संकट के बावजूद वीवीआईपी यात्राओं और विशेष मिशनों के लिए चालान-बिल जारी करने में ही छह महीने लगा दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे प्रयासों के बावजूद एयर इंडिया सिर्फ 50 पर्सेंट पुराने बकाए की वसूली कर पाई है. 31 मार्च, 2016 तक कुल बकाया 513.27 करोड़ रुपए था.