सरकार द्वारा रियल एस्टेट कानून की बेहतरी के लिए गठित की गई केंद्रीय सलाहकार परिषद (सीएसी) ने सोमवार को अपनी पहली बैठक की. जिसमें उन्होंने रियल एस्टेट कानून को कमजोर करने की कुछ राज्यों की कोशिशों पर चिंता जताई.
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कुछ राज्य अपने रियल एस्टेट नियमों को अधिसूचित नहीं कर रहे हैं, और स्थायी अचल संपत्ति नियामक प्राधिकरण का भी गठन नहीं कर रहे. बिल्डरों के पक्ष में कानून के प्रावधानों को कम करने वाले कुछ राज्यों की रिपोर्ट को देखने से पता चलता है कि 27 राज्यों ने रियल एस्टेट विनियमन (और विकास) कानून, 2016 के तहत अपने नियमों को बनाया है.
उन्होंने कहा कि 10 राज्यों ने अपने स्थायी नियामक प्राधिकरण की स्थापना की है, जबकि 19 राज्यों ने अंतरिम प्राधिकरण स्थापित की है. बैठक में राज्यों को कहा गया है कि राज्य अपनी वेबसाइट पर RERA के तहत परियोजनाओं की सभी सूची अपलोड करें.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट किया, वहां 3 क्षेत्रीय परामर्श और अनुवर्ती होंगे. मैं यह साफ करना चाहता हूं की RERA को अनियमित निर्माण क्षेत्र में दशकों तक जमा गड़बड़ी को साफ करने के लिए कहा गया है. यह नियमों से खिलवाड़ कर रहे बिल्डरों के लिए बहुत जरुरी था.
परिषद के एक सदस्य ने बताया कि भारत को तीन जोन में विभाजित किया जाएगा, जहां CAG उन राज्यों में विभिन्न हितधारकों के साथ मीटिंग करेगा. जिससे उन्हें इस नए नियम के तहत काम करने के लिए जागरूक किया जा सके.