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गढ़चिरौली एनकाउंटर: C-60 कमांडो ने 37 नक्सलियों को कैसे उतारा मौत के घाट

आपको बता दें कोबरा कमांडों की दो टीमों ने पुलिस के साथ मिल कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. C-60 कमांडों यानी कोबरा कमांडों का अब तक यह सबसे बड़ा और सबसे सफल ऑपरेशन रहा है

FP Staff

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में दो दिनों में 37 नक्सलियों को मौत के घाट उतारने वाले C-60 कमांडों यानी कोबरा कमांडों का अब तक यह सबसे बड़ा और सबसे सफल ऑपरेशन रहा है. आपको बता दें कोबरा कमांडों की दो टीमों ने पुलिस के साथ मिल कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.

C-60 कमांडों की दो यूनिट यानी 60 कमांडो एक साथ घने जंगलों में गश्त लगा रहे थे. C-60 कमांडों के साथ गढ़चिरौली पुलिस के अधिकारी भी थे. सभी लोग हथियारों से लैस एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने निकले थे. खुफिया विभाग और C-60 कमांडों को सटीक जानकारी मिली थी कि भामरागढ़ के एक जगह पर 50 से 70 नक्सलियां ने डेरा जमा रखा है. यह जानकारी इतनी ज्यादा सटीक थी की C-60 कमांडों को यह पता था, कि अगर यह ऑपरेशन सफल हुया तो एक साथ 40-50 नक्सली मारे जाएंगे.


इस पूरे ऑपरेशन में सटीक इंटिलिजेंस इनपुट का काफी अहम रोल रहा. 21 अप्रैल की शाम को C-60 कमांडों को मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों की गढ़चिरौली के आस-पास बड़ी संख्या में मूवमेंट है. लेकिन पुलिस और कंमाडों को सही लोकेशन का पता नहीं था. जानकारी मिलने से C-60 कमांडों की दो यूनिट और गढ़चिरौली पुलिस 21 की रात को ही जंगलों में निकल गए थे. सुबह तक पुलिस और C-60 कमांडों के हाथ कोई सुराग नहीं लगा था. एक पल को पुलिस और कमांडो को लगा कि जानकारी गलत थी.

तभी सुबह 8 बजे C-60 कमांडों को उनके खबरियों से जानकारी मिलती है कि भामरागढ़ में 50-60 लोगों के लिए नाश्ता भेजा जा रहा है. इस जानकारी के बाद पुलिस ने अपने खबरियों से जानकारी निकाली तो पता चला की यह नाश्ता और किसी के लिए नहीं बल्कि नक्सलियों के लिए ही भेजा जा रहा था. सटीक जानकारी, सटीक लोकेशन मिलने के बाद C-60 कमांडों और पुलिस भामरागढ़ के लिए रवाना हो गए.

मौके पर पहुंच कर सबसे पहले पुलिस ने अपने खबरियों से पता करवाया कि जिन लोगों ने नाश्ता मंगवाया है वो नक्सली हैं या नहीं. पुलिस के खबरियों ने साफ कर दिया कि वो सभी नक्सली ही हैं क्योंकि उनके पास काफी हथियार हैं. जिसके बाद 10.30 मिनट पर C-60 कमांडों ने पहला UBGL यानी Unbarrel granade luncher को फायर किया. UBGL C-60 कमांडों का एक ऐसा हथियार होता है जो एक साथ 30-40 लोगों को एक ही झटके में मार गिरा सकता है. UBGL जमीन पर फटने के बाद 40 मीटर तक की रेंज में सब कुछ तबाह कर देता है. पहला UBGL फायर करने के बाद नक्सलियों की तरफ से अंधाधुंध फायरिंग शुरू हुई, जिसके बाद C-60 कमांडो और पुलिस ने नक्सलियों पर ताबड़-तोड़ फायरिंग की. जिसमें 31 नक्सली वहीं ढेर हो गए. हमला इतना तेज़ और सटीक था कि नक्सलियो को संभलने का मौका ही नहीं मिला.

शरद सैलार, आई जी, नक्सल ऑपरेशन ने कहा 'हमने इस ऑपरेशन को पूरे प्लानिंग के तहत अंजाम दिया है, खूफियां सूचना और इनपुट के आधार पर ऑपरेशन किया गया है.'

पुलिस के मुताबिक जहां पर यह एनकाउंटर हुआ है वहां पर एक नदीं भी है, जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ का बॉडर है. इतने बड़े हमले के बाद कुछ नक्सली नदी में कूद कर फरार भी हो गए थे. इस ऑपरेशन के बाद दूसरे ही दिन यानी 23 अप्रैल को C-60 कमांड़ो ने एक और एनकाउंटर में 6 और नक्सलियो को मार गिराया. यानी 48 घंटों में C-60 कमांडों और गढ़चिरौली पुलिस ने 37 नक्सलियों के ढेर कर दिया.

महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस, का कहना है कि यह पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है, इससे नक्सलियों का मनोबल काफी गिरेगा, और हमारे पुलिस का मनोबल काफी बढ़ा है. इस ऑपरेशन में नक्सलियों के दो डिविजनल कमेटी मेन, शीनू और साईनाथ भी मारे गए, जो नक्सलियों के लिए काफी बड़ा झटका है. मारे गए 37 नक्सलियों में 19 महिला नक्सली थी.

(न्यूज़18 के लिए विवेक गुप्ता की रिपोर्ट)