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जेपी ग्रुप के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा खरीदारों का समूह

निवेशकों और खरीदारों की मांग है कि उन्हें उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट से प्रोटेक्शन दिया जाए

FP Staff

जेपी ग्रुप की मुश्किलें खत्म होती नहीं दिख रही हैं. सोमवार को जेपी ग्रुप के 400 घर खरीदारों और निवेशकों के एक समूह ने उपभोक्ता कानून के तहत प्रोटेक्शन के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वो चाहते हैं कि उन्हें उपभोक्ता कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट से प्रोटेक्शन दिया जाए.

खरीदारों ने जेपी एसोसिएट्स (जेएएल) और जेपी इंफ्राटेक के बीच संपत्तियों के ट्रांसफर की जांच कराए जाने की भी मांग की है.

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी.

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जेपी ग्रुप को पहले भी बड़ा झटका लग चुका है. जेपी ग्रुप ने नोएडा के केलिप्सो प्रोजेक्ट में देरी की है, जिसके कारण उसपर जुर्माना लगाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों आदेश दिया था कि जेपी ग्रुप 10 खरीदारों को हर्जाना देगा. इन सभी खरीददारों को 5-5 लाख रुपए का जुर्माना देने का आदेश दिया था. इस तरह जेपी ग्रुप पर कुल मिलाकर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.

जेपी ग्रुप की कंपनी जेपी इंफ्राटेक पर दिवालिया घोषित होने की तलवार लटक रही थी. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ने जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी. ट्रिब्युनल ने यह फैसला बैंकों की गुहार के बाद लिया था. कंपनी पर बैंकों का काफी बकाया है, जो वापस न मिलने की सूरत में बैंकों ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल का रुख किया था.