view all

बहुत शोर मचाती हैं, परेशान करती हैं DTC की बसें: NGT

'आपकी बसें सड़कों पर बहुत शोर मचाती हैं. वो बड़ी रूकावट पैदा करती हैं. डीटीसी बसों के ज्यादातर हिस्से हवा में लटके रहते हैं या टूट गए हैं. बसें या तो खाली चलती हैं या निर्धारित सीमा से ज्यादा भरी होती हैं'

Bhasha

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है. एनजीटी ने डीटीसी द्वारा अपनी बसों का ठीक से प्रबंधन नहीं करने और दिन में ज्यादातर समय बिना यात्रियों के चलाने को लेकर तीखी आलोचना की है.

शनिवार को एनजीटी प्रमुख जस्टिस स्वंतत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'आपकी बसें सड़कों पर बहुत शोर मचाती हैं. वह बड़ी रूकावट पैदा करती हैं. आपकी बसों के ज्यादातर हिस्से हवा में लटके रहते हैं या टूट गए हैं. आप उनके प्रबंधन के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाते हैं. आपकी बसें या तो खाली चलती हैं या निर्धारित सीमा से ज्यादा भरी होती हैं.'


एनजीटी ने डीटीसी के प्रमुख सह-प्रबंध निदेशक को बसों के प्रबंधन और वाहनों के प्रभावी इस्तेमाल के लिए एक अध्ययन के संबंध में एनजीटी के आदेश को ध्यान में न रखने के लिए फटकार लगाई. पीठ ने कहा, 'क्या आपने हमारे फैसले को पढ़ा है? आपने अपने विभाग में 33 साल से ज्यादा काम किया है और हम यह जानकर चकित हैं कि आपको हमारा आदेश पढ़ने का वक्त नहीं मिला. यह बहुत चौंकाने वाला है.'

ट्रैफिक कम रहने पर बसों के आकार में तब्दीली करनी चाहिए

हरित पैनल ने इससे पहले राजधानी दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक कम रहने के दौरान छोटे आकार की बसों का पक्ष लिया था. पैनल ने कहा, 'जब ट्रैफिक कम हो तो आपको अपनी बसें बदल लेनी चाहिए और उन बसों को चलाना चाहिए जिनका आकार छोटा हो. हम आपसे (डीटीसी) बस सेवा बंद करने के लिए नहीं कह रहे बल्कि आपको बसों के आकार में तब्दीली करनी चाहिए.'

एनजीटी ने कई निर्देश पारित किए और कहा कि दिल्ली सरकार के सभी निगम और प्राधिकरण यह सुनिश्चित करें कि 14 नवंबर तक दिल्ली में संरचना निर्माण से जुड़ी कोई गतिविधि न हो.

अधिकरण ने कहा कि दिल्ली सरकार और सरकारी अधिकरण एनजीटी के निर्देशों और फैसलों को लागू करने में नाकाम हुए हैं. पर्यावरण को बचाने के लिए मिलकर उचित कदम उठाए जाने चाहिए.