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बुराड़ी मामला: क्या मृतकों के परिजन, दोस्तों और रिश्तेदारों का साइको टेस्ट कराएगी पुलिस?

साइकोलॉजिकल टेस्ट में पता चलेगा कि क्या परिवार के सभी लोग कोई एक खास किताब पढ़ रहे थे या किसी संप्रदाय का हिस्सा थे या किसी तांत्रिक के प्रभाव में थे

Bhasha

उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में 11 लोगों की मौत पर रहस्य बना हुआ है. इस बीच मनोविज्ञानियों ने कहा है कि सामूहिक खुदकुशी करने वाले लोगों में ‘समानताएं’ पाई जाती हैं और उन्होंने सुझाव दिया कि मामले से पर्दा उठाने के लिए ‘मेंटल टेस्ट’ कराया जाए.

पुलिस को शक है कि आपसी रजामंदी से खुदकुशी हुई है. घर से मिले नोटों से धार्मिक या आध्यात्मिक प्रभावों का संकेत मिलता है लेकिन परिवार के दो सदस्यों ने इसे नकार दिया है और कहा कि इन लोगों की हत्या की गई है.


दिल्ली एम्स के एक साइकोथेरेपी डॉक्टर ने कहा कि रहस्य सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल टेस्ट किया जाना चाहिए. उन्होंने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, ‘आम बोलचाल की भाषा में साइकोलॉजिक टेस्ट का मतलब है पीड़ितों के रिश्तेदारों, मित्रों और परिचितों से मिलकर पता लगाया जाए कि क्या कोई पैटर्न था. क्या परिवार के सभी लोग कोई एक खास किताब पढ़ रहे थे या किसी संप्रदाय का हिस्सा थे या किसी तांत्रिक के प्रभाव में थे.’

डॉक्टर ने कहा कि मौत की वजह अब तक पता नहीं चल पाई है ऐसे में फिलहाल रजामंदी से खुदकुशी ही एकमात्र थ्योरी है. उन्होंने कहा, ‘जो लोग दिमागी तौर पर अस्थिर होते हैं उनमें रजामंदी से खुदकुशी करने की संभावना होती है.’

फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल की साइकोलॉजिस्ट भावना बारमी ने कहा कि सामूहिक खुदकुशी तब होती है जब लोगों को लगता है कि उनकी जिंदगी फंस गई है, वे मानने लगते हैं कि जिंदगी पर उनका नियंत्रण नहीं. उन्हें मौत की एकमात्र विकल्प दिखता है.