सरकार ने प्रस्तावित बुलेट ट्रेन में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था करने की योजना बनाई है.
नैशनल हेल्थ सिस्टम रीसोर्स सेंटर (एनएचएसआरसी) ने ट्रेन की डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया है. यदि इसे लागू किया जाता है तो भारतीय रेल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि ट्रेन में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था रहेगी. अभी तक हर कोच में चार शौचालय होते हैं और कोई भी व्यक्ति उसका इस्तेमाल कर सकता है.
नई बुलेट ट्रेन में टॉयलेट को व्हीलचेयर के लिहाज से भी सुविधाजनक बनाया जाएगा. अब तक दिव्यांगों के लिए ऐसी किसी खास व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं था.
वहीं ट्रेन में कपड़े बदलने और बच्चों को दूध पिलाने के लिए भी अलग से कमरे होंगे और छोटे बच्चों की तमाम सुविधाओं का ख्याल रखा जाएगा. ट्रेन में बेबी चेंजिंग रूम से लेकर बेबी टॉइलट सीट, डायपर डिस्पोजल टेबल और बच्चों के हाथ धोने के लिए कम ऊंचाई के सिंक उपलब्ध होंगे.
बता दें कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने पिछले साल रखी थी. यह ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद तक जाएगी और इसके शुरू होने की सीमा 2022 तक तय की गई है.