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बुलंदशहर हिंसा: सेना प्रमुख ने कहा- फौजी के खिलाफ सबूत होंगे तो पुलिस के सामने लाएंगे

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर कोई सबूत मिलते हैं और पुलिस को वो (जितेंद्र) संदिग्ध लगता है. तो हम उसे पुलिस के समक्ष पेश करेंगे

FP Staff

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या कर दी गई थी. उनकी हत्या को लेकर कई संदिग्धों के नाम सामने आए. जिनमें एक नाम सेना के जवान जितेंद्र मलिक का भी है. इस बारे में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से भी सवाल पूछा गया. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि अगर कोई सबूत मिलते हैं और पुलिस को वो (जितेंद्र) संदिग्ध लगता है. तो हम उसे पुलिस के समक्ष पेश करेंगे और साथ ही इस मामले में पुलिस का पूरी तरह से सहयोग भी करेंगे.

पहले कहा जा रहा था कि जितेंद्र को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन बाद में यूपीएसटीएफ ने साफ किया कि जितेंद्र की गिरफ्तारी नहीं हुई है. सेना ने बयान जारी कर बताया कि आरोपी सैनिक की गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने सेना के उत्तरी कमान से मदद मांगी थी और हमने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है. यूपीएसटीएफ ने अपने ट्वीट में हत्या के आरोपी सैन्यकर्मी जितेंद्र की गिरफ्तारी की बात से इनकार किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस को मिले बुलंदशहर हिंसा के वीडियो में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के वक्त जीतू उनके बेहद करीब खड़ा था. वहीं जीतू की मां रतना कौर का कहना है कि वह उस वीडियो में अपने बेटे को नहीं पहचान पा रही हैं. वहीं रिश्तेदारों का कहना है कि जीतू उस वक्त घटनास्थल पर ही मौजूद था. उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद वह तुरंत जम्मू कश्मीर के लिए निकल गया था. बताया जा रहा है कि एफआईआर में भी उक्त फौजी का नाम है.

इस बीच एडीजी इंटेलीजेंस एसबी शिरोडकर ने मामले में अपनी जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंप दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंस्पेक्टर सुबोध और सुमित की हत्या एक ही बोर की गोली से हुई है. साथ ही पूरी घटना को एक सुनियोजित साजिश बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इंस्पेक्टर सुबोध बगैर हेलमेट और बॉडी प्रोटेक्शन के मौके पर पहुंचे थे. मामले में सीनियर पुलिस अधिकारी भी लेट से मौके पर पहुंचे. घटना 9.30 बजे के बाद की है जबकि अधिकारी 11.30 बजे के करीब पहुंचे.