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बुलंदशहर हिंसा का मुख्य आरोपी बजरंग दल का पोस्टर बॉय बना

मकर संक्रांति और रिपब्लिक डे के मौके पर पश्चिमी यूपी में लगाए गए बजरंग दल के पोस्टर में मुख्य आरोपी योगेश को भी जगह दी गई है

FP Staff

बुलंदशहर हिंसा मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज बजरंग दल का पोस्टर बॉय बना हुआ है. मकर संक्रांति और रिपब्लिक डे के मौके पर पश्चिमी यूपी में लगाए गए बजरंग दल के पोस्टर में योगेश को भी जगह दी गई है.

बजरंग दल के इस कदम पर उठ रहे सवालों के बीच दल के सहायक क्षेत्रीय संयोजक प्रवीण भाटी ने बचाव करते हुए कहा न्यूज़ 18 डॉट कॉम से कहा, 'इस तरह के पोस्टर लगाने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि योगेश राज स्थानीय संयोजक हैं, और सिर्फ आरोपी हैं. वह अभी तक दोषी साबित नहीं हुए हैं'. इन पोस्टरों पर भाटी की तस्वीर भी लगी है.


दक्षिणपंथी संगठन के स्थानीय संयोजक योगेश को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ देखा जा सकता है. राज और भारतीय जनता पार्टी के युवा विंग के नेता शिखर अग्रवाल वर्तमान में बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस हिरासत में हैं.

विश्व हिंदू परिषद के विभाग प्रभारी, ब्रूनो भूषण ने कहा, 'मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस के त्योहार पर लोगों को बधाई देने के लिए पोस्टर लगाए गए थे. जैसा कि योगेश राज स्थानीय संयोजक हैं, इसीलिए पोस्टर में अन्य कार्यकर्ताओं की तस्वीर के साथ योगेश की तस्वीर भी लगाई गई थी. पोस्टर मेरे द्वारा नहीं लगाए गए थे, बल्कि वीएचपी और बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने लगाई थी.'

मुख्य आरोपी योगेश ने यूपी पुलिस पर लगाया फंसाने का आरोप

बीते 3 दिसंबर को महाव गांव के पास 'तबलीगी इज्तेमा' के मौके पर जुटे लाखों लोग एकत्रित हुए थे. इसी बीच कथित गौ मांस पाए जाने के बाद हुई हिंसा में भीड़ ने निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी.

हिंसा का मुख्य आरोपी योगेश राज घटना के कई दिनों बाद तक फरार रहा. फरार रहने के दौरान ही 28 वर्षीय सुबोध ने एक वीडियो जारी कर के यह दावा किया कि वह हिंसा स्थल पर मौजूद नहीं था और विरोध प्रदर्शन से उसका कोई लेना-देना नहीं था. वीडियो में योगेश ने कहा है कि सियाणा पुलिस स्टेशन के बाहर सड़क पर विरोध प्रदर्शन चल रहा था. मेरे बजरंग दल के साथी और मैं अंदर बैठे थे. मैं सोमवार सुबह अपने घर में था. इतने में मुझे फोन आया कि कुछ गांव वालों को उनके गन्ने के खेत में गाय का मांस मिला है. इसके बाद मैं वहां गया और फिर सीधे पुलिस स्टेशन पहुंचा.

हालांकि, योगेश का दावा बुलंदशहर पुलिस को दिए गए शुरुआती बयान से मेल नहीं खाता. पुलिस को दिए बयान के अनुसार, योगेश और उनके तीन दोस्त तीन दिसंबर की सुबह महाव गांव के आसपास टहलने गए थे, जहां उन्होंने सात लोगों को गायों को मारते हुए देखा. इससे पहले कि वे कुछ कर पाते, गाय को मारने वाले लोग भाग गए. योगेश का कहना था कि वे सभी उसके गांव के ही निवासी थे.

योगेश ने यूपी पुलिस पर भी फंसाने का आरोप लगाया है. हालांकी पुलिस ने बाद में उसे खुर्जा से गिरफ्तार कर लिया. बुलंदशहर हिंसा की घटना के बाद से कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें योगेश को देखा गया है. वीडियो में उसे यह कहते हुए देखा और सुना जा सकता है कि वह तब तक रास्ता रोकते रहेंगे, जब तक पुलिस गौ हत्या ’में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती. हिंसा के बाद सामने आए ज्यादातर वीडियो में, वह दक्षिणपंथी हिंदू समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारियों से बात करते हुए देखा गया है.