view all

बजट 2017: स्टार्टअप को लाइफलाइन देगी सरकार!

ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप इंडिया लॉन्च किया तब स्टार्टअप को लेकर नकारात्मक खबरें आईं

Pratima Sharma

इस साल आम बजट में स्टार्टअप्स को सरकार से राहत पैकेज मिल सकता है. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार एंप्लॉयीज के स्टॉक आॅप्शंस, अनलिस्टेड सिक्योरिटीज और कंवर्टिबल इंस्ट्रूमेंट्स पर स्टार्टअप्स को टैक्स छूट देने की तैयारी कर रही है.

2016 में रहा बुरा हाल


2016 में 212 स्टार्टअप्स बंद हो गए. डेटा एनालिटिक्स कंपनी ट्रैक्सन के आंकड़ों का हवाला देते हुए टाइम्स आॅफ इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा है यह आंकड़ा 2015 के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा है.

हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बहुत सामान्य है. 2015 तक स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे थे. इनके पास काफी फंड रहता था, लेकिन अचानक हालात बदल गए. स्टार्टअप्स खासतौर पर ईकॉमर्स का वैल्यूएशन गिरने के कारण 2016 में इंडिया में प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टमेंट्स गिरकर 16 अरब डॉलर पर आ गया.

हालांकि, 2016 में भी प्राइवेट इक्विटी की चर्चा पूरे साल बनी रही लेकिन फंड साइज 2016 के मुकाबले काफी छोटा था. यहां तक कि 2016 में आए ज्यादातर आईपीओ में पीई ओनर्स ने आॅफर फॉर सेल के जरिए अपनी हिस्सेदारी बेची.

पीडब्ल्यूसी के मुताबिक, 2016 में ओवरआॅल पीई इनवेस्टमेंट्स घटकर 16.3 अरब डॉलर पर आ गया. इस दौरान करीब 652 डील हुईं. 2015 के मुकाबले इसमें वैल्यू के हिसाब से 18 फीसदी और वॉल्यूम के लिहाज से 23 फीसदी घटा.

इकोसिस्टम होगा दुरुस्त 

देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम कमजोर होने से वैल्यूएशन में गिरावट आई है. ग्लोबल इनवेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टैनली ने सितंबर तिमाही में तीसरी बार फ्लिपकार्ट का वैल्यूएशन घटाकर 5.6 अरब डॉलर कर दिया है.

जून 2015 में जब आखिरी बार फ्लिपकार्ट ने फंड जुटाया था, उस वक्त उसकी वैल्यूएशन 15 अरब डॉलर थी. एक बड़ी डील के तहत जुलाई 2016 में फ्लिपकार्ट ने जबॉन्ग को सिर्फ 7 करोड़ डॉलर में खरीद लिया. जबॉन्ग का वैल्यूएशन उसके 2015 की आमदनी का सिर्फ 0.5 गुना था.

2016 में हाइपर लोकल डिलीवरी स्टार्टअप जैसे पेपरटैप ने छह बड़े शहरों में अपना कामकाज बंद कर दिया. वहीं, ग्रोफर्स ने 9 शहरों में अपना कामकाज बंद करने का फैसला किया.

ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप इंडिया लॉन्च किया तब स्टार्टअप को लेकर नकारात्मक खबरें आ रही हैं.

ऐसे में उम्मीद है कि सरकार नए साल के बजट में इन समस्याओं पर गौर करेगी और राहत के इंतजाम करेगी.