भारतीय फार्मा इंडस्ट्री सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर है. इसमें पिछले कई सालों से काफी तेजी देखने को मिली है.
साथ ही इसे कई तरह की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. यह उम्मीद की जा रही है कि भारतीय फार्मा इंडस्ट्री वैश्विक फार्मा इंडस्ट्री को चुनौती दे सकती है.
इसकी मुख्य वजह भारत में स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता, बेतरतीब जीवन शैली के कारण बढ़ते रोग और हेल्थकेयर इंश्योरेंस में भारी बढ़ोत्तरी है.
इस अनुमानित वृद्धि दर के बावजूद फार्मा सेक्टर आम बजट 2017 से इनकम टैक्स में राहत मिलने की बैचेनी से इंतजार कर रही है.
आर एंड डी में फार्मा सेक्टर को मिल रही है भारी छूट
फार्मा सेक्टर में लगातार वृद्धि बनाए रखने के लिहाज से आरएंडडी अहम है. अभी आर एंड डी को 31 मार्च, 2020 तक भारी छूट दी गई है.
इस तारीख के बाद ही फैसला लिया जाएगा कि इस छूट को जारी रखा जाए या नहीं. आम बजट 2016 में आरएंडडी को 150 फीसदी की छूट दी गई थी, जिसे इस साल के आम बजट में बढ़ाकर 200 फीसदी किया जा सकता है.
पिछले दिनों दिए गए इस तरह की छूटों का उद्देश्य सिर्फ कॉरपोरेट टैक्स को कम करना था. इसके बावजूद भारत को अभी भी आरएंडडी के क्षेत्र में काफी विकास करना है.
हालांकि सिर्फ इस तरह के टैक्स छूटों से इस सेक्टर में निवेश में वृद्धि नहीं होगी. अगर यह टैक्स कटौती अन्य तरह के करों पर भी लागू की जाए तो फार्मा कंपनियों को इससे अच्छी मदद मिलेगी और यह सेक्टर निवेशों को भी आकर्षित कर सकेगा.