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BSF अपने नवविवाहित जवानों के लिए बनाएगा गेस्टहाउस

बीएसएफ का कहना है कि यह कदम जवानों की थकान घटाने के लिए उठाया गया है, परिवार के साथ रहकर वो खुश रह सकते हैं

Bhasha

बीएसएफ अपने नवविवाहित जवानों के लिए देशभर में 190 से अधिक गेस्ट हाऊस बनाएगा जहां वे एक तय समय सीमा तक अपने जीवनसाथी के साथ रह पाएंगे. गौरतलब है कि बीएसएफ के कर्मी अपनी 30 साल की सेवा के दौरान औसतन सिर्फ पांच साल परिवार के साथ गुजार पाते हैं.

सीमा सुरक्षा बल (बीएसफ) के एक अधिकारी ने बताया कि देश के पश्चिमी और पूर्वी सीमा से लगे बल के आठ सीमांतों में मौजूदा बुनियादी ढांचे में 2,800 से अधिक कमरे बनाए जाएंगे. बीएसएफ महानिदेशक केके शर्मा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के 186 बटालियन ठिकानों और अन्य स्टेशनों पर स्टूडियो अपार्टमेंट जैसी सुविधाएं स्थापित करने को हाल ही में मंजूरी दी है.


परिवार के साथ नहीं मिलता वक्त

शर्मा ने बताया कि बल में कठोर ड्यूटी करनी होती है और जवानों को अपने जीवन का अधिकांश समय अकेले रहना पड़ता है. एक जवान साल में औसतन करीब ढाई महीने ही अपने परिवार के साथ बिताता है और यदि किसी की सेवा अवधि 30 साल की है तो यह अवधि समूचे सेवा काल में पांच साल की होगी. उन्होंने कहा, 'यह सुनिश्चित करने के लिए कि जवान अपने परिवार के साथ अधिक वक्त बिताएं, हम देश में सभी 192 स्थानों पर ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि घर परिवार से दूर अकेले रहना नवविवाहितों को प्रभावित करता है और इसलिए उन्हें इन सुविधाओं के आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी. शर्मा ने कहा कि ऑफिसर और सब-ऑफिसर के लिए पहले से गेस्ट हाउस की व्यवस्था है लेकिन कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल रैंक के जवानों के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं है.

उन्होंने कहा, 'इसलिए हमने हर बटालियन में गेस्ट हाऊस बनाने का फैसला किया है जिनमें शयनकक्ष, रसोई, स्नानघर और टीवी की सुविधा होगी. यहां जवान रैंक के नवविवाहित कर्मी को जीवनसाथी के साथ एक तय समय सीमा तक रहने की इजाजत दी जाएगी.'

शर्मा ने कहा कि यह कदम जवानों में तनाव और उनकी थकान घटाने की कोशिश के तहत उठाया गया है. उन्होंने कहा कि बल ने बांग्लादेश और पाकिस्तान से लगी सीमा पर सैनिकों को बैरकों से बाहर किराये के सार्वजनिक भवन में रहने की इजाजत देने का भी प्रस्ताव किया है.