अपने जीजा से गर्भवती होने की बात छिपाकर अन्य पुरुष से ब्याह रचाने वाली 28 वर्षीय महिला के विवाह को फैमिली कोर्ट ने रद्द कर दिया. करीब 10 महीने पहले यह शादी हुई थी.
दुल्हन के इंदौर स्थित ससुराल पहुंचने के कुछ ही दिन बाद उसके गर्भवती होने राज खुला. शादी से पहले महिला के अपने जीजा से शारीरिक संबंध थे. इसके बाद महिला के 33 वर्षीय पति ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इंसाफ की गुहार की.
फैमिली कोर्ट के चीफ जस्टिस सुबोध कुमार जैन ने 14 मार्च को सुनवाई के दौरान मामले में पेश सबूतों एवं गवाहों के बयान के आधार पर इस शख्स की याचिका स्वीकार कर उसके विवाह को शून्य घोषित करने का फैसला सुनाया. यह शादी झारखण्ड में छह मई 2017 को हुई थी.
अदालत ने अपने विस्तृत फैसले में कहा कि यह साबित होता है कि याचिकाकर्ता को विवाह से पहले अपनी पत्नी के गर्भवती होने की जानकारी नहीं थी.
याचिकाकर्ता ने विवाह के कुछ दिन बाद संदेह होने पर अपनी पत्नी की सोनोग्राफी भी कराई, जिसकी रिपोर्ट से मालूम चला कि वह छह हफ्ते की गर्भवती है.
फैमिली कोर्ट में खुद विवाहिता ने भी अपने पति की याचिका के तथ्यों को स्वीकार किया. हालांकि, अपने जीजा से विवाह पूर्व संबंध कबूलने के बाद वह दोबारा मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर नहीं हुई. नतीजतन अदालत ने मामले में महिला के खिलाफ एकपक्षीय कार्यवाही का निर्णय किया.