बॉम्बे हाई कोर्ट ने माफिया अबू सलेम को शादी करने के लिए पेरोल देने से इनकार करते हुए मंगलवार को कहा कि उसे आतंकवाद के गंभीर अपराध में सजा हो चुकी है.
मुंबई में वर्ष 1993 के सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में आजीवन कारावास भुगत रहे सलेम (46) ने एक महीने के लिए पेरोल पर जेल से रिहाई की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. वह ठाणे जिले में मुंब्रा इलाके की निवासी कौसर बहार से शादी करना चाहता है.
इससे पहले, नवी मुंबई की तलोजा जेल प्रशासन ने सलेम का पेरोल के लिए आवेदन ठुकरा दिया था.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी के ताहिलरमानी और न्यायमूर्ति एम एस सोनक ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सलेम आतंकवाद के गंभीर अपराध में दोषी है और इसलिए उसे पेरोल पर रिहा नहीं किया जा सकता.
अपनी याचिका में सलेम ने कहा था कि वह नवंबर 2005 से जेल में बंद है.
याचिकाकर्ता ने कहा था मानवीय आधार पर पेरोल का आग्रह स्वीकार किया जाना चाहिए क्योंकि उसने महिला से शादी का वादा किया था और वह किसी और से शादी नहीं करना चाहती है.
सलेम ने कहा कि उसे अपना परिवार बनाने और सामाजिक संबंध बनाए रखने की अनुमति मिलनी चाहिए. अपनी याचिका में उसने तारीख का जिक्र नहीं किया जब वह शादी करना चाहता है .
पिछले साल विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता, आतंकवाद और विध्वंसकारी गतिविधि (रोकथाम) कानून (टाडा) और हथियार कानून की विभिन्न धाराओं के तहत सलेम को दोषी ठहराया था.