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चीनी एक्सपर्ट को भारत छोड़ने का आदेश रद्द, कोर्ट ने नए बयान रिकॉर्ड करने का दिया निर्देश

अदालत ने अधिकारियों को दो हफ्तों के भीतर चीनी नागरिकों के नए बयान रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया.

FP Staff

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 69 चीनी नागरिकों को फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) के जरिए जारी किए गए तुरंत भारत छोड़ने के आदेश को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही चीनी नागरिकों को थोड़ी राहत मिली है.

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 69 चीनी नागरिकों को तुरंत भारत छोड़ने के आदेश को रद्द कर दिया है. साथ ही अदालत ने अधिकारियों को दो हफ्तों के भीतर चीनी नागरिकों के नए बयान रिकॉर्ड करने का निर्देश दिया.


दरअसल, मोबाइल फोन निर्माता कंपनी का दौरा करने आए चीनी एक्सपर्ट को भारत छोड़ने के लिए कहा गया. यह कार्रवाई बिजनेस वीजा के नियमों का उल्लंघन करने के कारण की गई है. यह आदेश फॉरेन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) ने दिया है. FRRO के आदेश के खिलाफ कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.

कंपनी की तरफ से नौशेर कोहली ने जस्टिस बी पी धर्माधिकारी और सारंग कोतवाल से इसमें जल्द हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने क्रिसमस से पहले इस पर सुनवाई करने के लिए कहा है क्योंकि उनसे (चीनी नागरिक) इस दौरान भारत छोड़ने के लिए कहा है. उनका वीजा इसके बाद भी वैलिड है, लेकिन उन्होंने इससे पहले ऐसा करने के लिए कहा है. जजों की बेंच ने इसे स्वीकार कर लिया और इस पर सुनवाई की.

कोहली ने कहा कि चीनी एक्सपर्ट ने बिजनेस वीजा पर पैसिफिक साइबर प्लांट का दौरा किया था. चीनी नागरिकों को कंपनी के जॉइंट वेंचर पार्टनर के जरिए भेजा गया था. इसमें कुछ चीनी नागरिकों का वीजा 20 दिसंबर, कुछ का 27 दिसंबर जबकि कुछ लोगों का मई 2019 तक वीजा वैध है. ये सभी लोग 180 दिन के बिजनेस वीजा पर भारत आए हुए हैं. नोटिस के बाद एक चीनी एक्सपर्ट ने अब तक भारत छोड़ भी दिया है.

FRRO अधिकारी ने कहा कि उन्हें भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है क्योंकि उन्होंने बी-वीजा के नियमों का उल्लंघन किया था. कंपनी का मुंबई में रजिस्टर्ड ऑफिस है और मोबाइल बनाने की यूनिट दमन और सिलवस्सा में है.