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दिल्ली मेट्रो की स्पीड पर क्यों लग रहा है बार-बार ब्रेक?

समय की कीमत को भी डीएमआरसी समझने को तैयार नहीं है. मेट्रो में लगातार आ रही तकनीकी खराबी ने दिल्ली मेट्रो की साख पर जबरदस्त बट्टा लगा दिया है.

Ravishankar Singh

दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए गुरुवार का दिन भी परेशानियों से भरा रहा. दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के जरिए ब्लू लाइन में चल रही तकनीकी खराबी को गुरुवार को भी ठीक नहीं किया जा सका. गुरुवार के दिन भी दिल्ली मेट्रो रुक-रुक कर चलती रही. वैशाली मेट्रो पर सुबह से शाम तक दो मेट्रो का समय का अंतराल लगभग 10-15 मिनट का रहा. वैशाली मेट्रो से चलने वाली अमूमन सभी गाड़ियां यमुना बैंक तक ही सेवा में रहीं. आगे की यात्रा करने वाले यात्रियों को यमुना बैंक से दूसरी मेट्रो में यात्रा के लिए भेजा गया.

हालांकि, यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन पर डीएमआरसी के जरिए यात्रियों की सुविधा का विशेष ख्याल रखा जा रहा था. सभी यात्रियों को लाउडस्पीकर से जानकारी दी जा रही थी कि वह आगे की यात्रा के लिए ट्रेन को खाली कर दूसरी मेट्रो की सेवा लें. यात्री इस बात से नाराज हो रहे थे कि एक तो पहले मेट्रो आने का इतना लंबा इंतजार और ऊपर से बीच में ही दूसरी मेट्रो पकड़ने की बात. यात्रियों की नाराजगी इस बात की भी थी कि यह बात मेट्रो स्टेशन पर क्यों नहीं कही जा रही है. जब मेट्रो में बैठ जाते हैं तब हमें बताया जाता है कि यह ट्रेन यमुना बैंक तक ही सेवा में रहेगी. यमुना बैंक से आगे की यात्रा के लिए दूसरी मेट्रो पकड़नी पड़ेगी.


ताज्जुब की बात यह है कि दुनिया की चौथी सबसे बड़ी मेट्रो ट्रेन का यह हाल लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा. बुधवार को भी दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन में तकनीकी खराबी के कारण घंटों सेवाएं बाधित रहीं. बुधवार को भी हजारों यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. पिछले कई महीनों से दिल्ली मेट्रो में इस तरह की लगातार शिकायतें सुनने को मिल रही हैं. दिल्ली मेट्रो की बदनामी के पीछे तकनीकी खराबी का कारण बताया जा रहा है. दिल्ली मेट्रो में रोजाना 27 से 28 लाख यात्री यात्रा करते हैं. ऐसे में मेट्रो का आवागमन चंद मिनटों के लिए ही रुक जाए तो यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

10 से 15 मिनट का इंतजार

बुधवार को तो हद ही हो गई थी जब यात्रियों को एक, दो घंटे नहीं बल्कि तीन से चार घंटें तक प्लैटफॉर्म से लेकर ट्रेन की बोगियों में इंतजार करना पड़ा. जैसे-तैसे हजारों यात्री अपने-अपने घर को पहुंचे, लेकिन गुरुवार को भी एक बार फिर से वही हालात नजर आए. दिल्ली मेट्रो गुरुवार को भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हुई. ब्लू लाइन मेट्रो गुरुवार सुबह से लेकर शाम तक 10-15 मिनट इंतजार करने के बाद आती रही. इतना ही नहीं इस दौरान ट्रेन की स्पीड भी काफी धीमी नजर आई.

बता दें कि सुबह और शाम का समय मेट्रो के लिए सबसे व्यस्त समय माना जाता है. ऐसे में मेट्रो में आई गड़बड़ी के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ दिन पहले भी गाजियाबाद और नोएडा से द्वारका जाने वाली ब्लू लाइन में खराबी आने से हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था. कभी बारिश के मौसम में मेट्रो सेवा बाधित होती है तो कभी तकनीकी खराबी का बहाना बनाया जाता है तो कभी कर्मचारियों और सीआईएसएफ के बीच लड़ाई के कारण मेट्रो सेवा प्रभावित हो जाती है.

जानकारों का मानना है कि डीएमआरसी इस खराबी को स्थायी तौर पर दूर करने के बजाए तात्कालीक समाधान पर ज्यादा जोर दे रही है. दिल्ली मेट्रो दुनिया की दूसरी सबसे महंगी मेट्रो सेवा है. इसी साल किराए में बढ़ोतरी के बाद यात्रियों की संख्या में भी भारी गिरावट आई है. ऐसे में अगर दिल्ली मेट्रो का हाल इसी तरह से चलता रहा तो आने वाले दिनों में इसके यात्रियों की संख्या में और गिरावट आ सकती है.

साख पर जबरदस्त बट्टा

जानकारों का मानना है कि एक तरफ मेट्रो का किराया बढ़ाकर यात्रियों के जेब पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया और अब समय की कीमत को भी डीएमआरसी समझने को तैयार नहीं है. मेट्रो में लगातार आ रही तकनीकी खराबी ने दिल्ली मेट्रो की साख पर जबरदस्त बट्टा लगा दिया है. लोग तो अब यह भी कहने लगे हैं कि क्या वाकई में मेट्रो समय पर गंतव्य स्थान पर पहुंचा देगी?

पिछले एक साल से दिल्ली मेट्रो के हर फेज के रूट्स पर अमूमन इसी तरह की खबरें आ रहीं हैं. ऐसा भी नहीं है कि डीएमआरसी के जरिए तकनीकी खराबी को दूर करने की कोशिश नहीं की जा रही है, लेकिन इसमें सफलता अभी तक नहीं मिली है. डीएमआरसी के प्रवक्ता का मानना है कि मेट्रो एक रनिंग सिस्टम है. इसलिए इसमें तकनीकी खराबी आना लाजिमी है. इसके बावजूद डीएमआरसी इस पर काम कर रही है. डीएमआरसी मानती है कि बार-बार तकनीकी खराबी आना चिंता का विषय है और यह निश्चित तौर पर दिल्ली मेट्रो को नुकसान पहुंचा सकती है.