हिरण शिकार के मामले में अदालत से अभिनेता सलमान खान को राहत मिली है. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की ओर से दायर हिरणों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ नेपालिया के दस्तावेजों को प्रदर्शित करने वाली अर्जी को खारिज कर दिया है. अंतिम बहस से पहले अभियोजन पक्ष ने एक अर्जी लगाई थी कि हिरण का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक नेपालिया ने झूठी रिपोर्ट दी थी.
30 मई को इस अर्जी पर बहस पूर हो गई थी और आदेश के लिए 14 जून की तारीख तय की गई थी.
आपको बता दें कि इस मामले के दौरान हिरण का पहली बार पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर नेपालिया के खिलाफ लूणी थाने में दायर एफआईआर की पत्रवली रिकार्ड कोर्ट में तलब करने की अर्जी लोक अभियोजक भवानी सिंह ने लगाई थी. सलमान के अधिवक्ता ने लोक अभियोजन अधिकारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस मामले को जानबूझकर लम्बा खींचने के लिए यह अर्जी लगाई है. अभियुक्त 20 साल से एक तरह से मानसिक सजा भुगत रहा हैं.
इस अर्जी में हिरणों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर और चार्जशीट की पूरी पत्रावली को कोर्ट में प्रदर्शित करने का आग्रह किया गया है. दरअसल, हिरणों के शवों का पहली बार पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने गोलियों से बने घावों को कुत्तों के काटने के निशान बताया था. इस पर हिरण के शवों का दूसरी बार पोस्टमार्टम कराया गया.
दूसरे पोस्टमार्टम में गोलियों के निशान होने की पुष्टि हो गई थी. इसके बाद पहले पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी.
गौरतलब है कि जोधपुर पाली रोड पर कांकाणी गांव में हुए दो काले हिरणों के शिकार के मामले में सलमान के साथ सैफ अली, तब्बू, नीलम और सोनाली बेन्द्रे भी आरोपी हैं. इन फिल्म कलाकारों पर सलमान को शिकार के लिए उकसाने का आरोप है.