#MeToo में कई महिलाओं द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद न सिर्फ केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर की किरकिरी हो रही है बल्कि केंद्र सरकार की चुप्पी भी उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है. मी टू मूवमेंट के बीच केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव के बीच विदेश राज्यमंत्री रविवार को देश लौटने वाले हैं. माना जा रहा है कि अकबर द्वारा अपने उपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर स्पष्टीकरण के बाद ही बीजेपी कोई स्पष्ट रूख अपनाएगी.
विदेश राज्य मंत्री अभी विदेश दौरे पर हैं और उन्होंने आरोपों पर अब तक अपना जवाब नहीं दिया है.
एक तरफ बीजेपी ने पूरे मामले में अब तक खामोशी अख्तियार कर रखी है. वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और लगता नहीं कि मंत्री के तौर पर वह लंबे समय तक पद पर रह पाएंगे. उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेना है.
सोशल मीडिया पर मी टू अभियान के जोर पकड़ने के बीच पिछले कुछ दिनों में कई महिलाओं ने उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. बीजेपी ने मामले में चुप्पी साध रखी है लेकिन अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर कोई रूख अपनाए बिना कुछ महिला मंत्रियों ने मी टू अभियान को अपना समर्थन दिया है.
पार्टी के नेताओं का कहना है कि सबसे पहले अकबर को ही आरोपों पर जवाब देना है.