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त्योहारों पर पाबंदी मुगलों के समय होती थी, अब स्वीकार्य नहीं: बीजेपी सांसद चिंतामणि मालवीय

कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ इस साल दीवाली पर पटाखे जलाने की अनुमति दे दी है. लेकिन त्योहार के मौके पर इस तरह की पाबंदी लोगों को रास नहीं आ रही

FP Staff

दीवाली आने वाली है. राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे फोड़ने पर बैन लगा दिया था. कोर्ट ने इस साल पटाखे जलाने की इजाजत तो दे दी लेकिन कुछ शर्तें भी लगा दीं. पिछले साल कोर्ट के फैसले का भरपूर विरोध हुआ. लोग त्योहार में कोर्ट के दखल को गलत बता रहे थे.

इस बार भी वही स्थिति है. हालांकि कोर्ट द्वारा रात 8-10 के बीच ही पटाखे जलाने की वजह से लोगों में कुछ राहत तो है. लेकिन विरोध के स्वर अभी भी मुखर हैं. कोर्ट द्वारा बंदिशों के साथ पटाखे जलाने की इजाजत देने पर बीजेपी सांसद चिंतामणि मालवीय ने कहा है- हमारा धर्म और त्योहार हिंदू कैलेंडर के हिसाब से होता है. मैं पटाखे पूजा खत्म करने के बाद ही जलाऊंगा. हम त्योहारों पर किसी तरह का टाइम लिमिट नहीं लगा सकते. इस तरह की बंदिशें मुगलों के समय में होती थी. ये स्वीकार्य नहीं है.


इसके पहले सुबह जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाया. इससे पहले 28 अगस्त को इसी पीठ ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रमुख बातें

- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि केवल उन्हीं पटाखों को बेचने की अनुमति होगी जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो. सुप्रीम कोर्ट ने सेफ और ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति दी है.

- कोर्ट के फैसले के मुताबिक, ये पटाखे एक तय समय में तय किए गए एरिया में ही बेचे जाएंगे. अपने मन से आप कहीं भी पटाखों की बिक्री नहीं कर सकते.

- विशेष दिन पर पटाखों को जलाने के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है. आप तय समय में ही पटाखे जला सकते हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि केवल उन्हीं पटाखों को बेचने की अनुमति होगी जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो

- सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, दिवाली को आप सिर्फ दो घंटे के लिए ही पटाखे जला पाएंगे. इसके लिए तय समय है राम 8 से 10 बजे तक. इसके अलावा क्रिसमस और नए साल के मौके पर फायरक्रैकर्स रात 11.55 से रात 12.30 तक ही छोड़े जा सकते हैं.

- पटाखें कोई भी नहीं बेच सकता है. पटाखे बेचने के लिए आपके पास लाइसेंस होना अनिवार्य है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ऑनलाइन माध्यमों पर पटाखे नहीं बेचे जा सकेंगे. इसका मतलब हुआ कि आप ई-कॉमर्स वेबसाइटों से पटाखे नहीं खरीद पाएंगे.

- सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में धार्मिक जलसों में भी पटाखे जलाने पर बैन लगा दिया है. कोर्ट ने कहा है कि पटाखे से जुड़े आदेश दूसरे धर्म पर भी लागू हों.

- कोर्ट का कहना है कि हमने दिवाली के मौके पर परंपरा को देखते हुए और प्रदूषण के संकट के मद्देनजर संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है. संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकार रखने की जरूरत है.