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बिना पैन और आधार के बीजेपी को मिला 159 करोड़ रुपए का चंदा: एडीआर

राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए से ज्यादा चंदा देने वाले दानदाताओं को ब्योरा हर साल चुनाव आयोग को देना होता है

FP Staff

राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे पर एडीआर यानी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स ने खुलासा किया है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक कॉरपोरेट्स और औद्योगिक घरानों की पहली पसंद बने बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को 2012-13 से 2015-16 के बीच करीब 159 करोड़ रुपए अज्ञात स्रोत से मिले हैं यानी चंदा देने वालों का पैन, आधार या निवास का ब्योरा उपलब्ध नहीं है.

एडीआर ने पिछले चार साल में राजनीतिक दलों के मिले चंदे का विश्लेषण किया है. इस दौरान राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे का बड़ा हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आया था.  राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपए से ज्यादा चंदा देने वाले दानदाताओं को ब्योरा हर साल चुनाव आयोग को देना होता है. पिछले चार सालों में तीन हजार से ज्यादा दान “अज्ञात स्रोत” से मिला है.


एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार साल 2012 से लेकर साल 2016 तक विभिन्न राजनीतिक दलों को 1933 दानदाताओं से 384 करोड़ रुपए चंदा मिला जिन्हें देने वालों का पैन नंबर नहीं था. वहीं इस दौरान 1546 दानदाताओं से मिले करीब 355 करोड़ रुपए देने वाले का रिहायशी पता नहीं दिया गया था.

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक दलों को वित्त वर्ष 2014-15 में करीब 60 प्रतिशत चंदा कॉरपोरेट कंपनियों से मिला. साल 2012 से 2016 के बीच कारोबारी घरानों ने पांच राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 956.77 करोड़ रुपया चंदा दिया. इन चार सालों में ज्ञात स्रोत से मिले कुल चंदे का 89 प्रतिशत कारोबारी घरानों से मिला था.