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BIMSTEC शिखर सम्मेलन: नेपाल पहुंचे पीएम मोदी, पशुपतिनाथ में करेंगे धर्मशाला का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30-31 अगस्त को नेपाल में होने जा रहे बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन की बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं

Bhasha

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30-31 अगस्त को नेपाल में होने जा रहे बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसके लिए वो गुरुवार को नेपाल पहुंच चुके हैं.

उनकी यह यात्रा भारत की ओर से पड़ोस को पहली प्राथमिकता देने और दक्षिण पूर्व एशिया के विस्तारित पड़ोस में अपने संबंधों को गहरा बनाने का प्रतीक है. अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम पशुपतिनाथ में धर्मशाला का उद्घाटन भी करेंगे.

यात्रा पर रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में मोदी ने कहा कि शिखर बैठक के दौरान वे ‘बंगाल की खाड़ी बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल' (बे ऑफ बंगाल इनीशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन- बिम्सटेक) देशों के नेताओं के साथ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत बनाने, कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘शिखर सम्मेलन का विषय ‘शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत बंगाल की खाड़ी’ है और यह हम सभी की साझी आकांक्षाओं एवं चुनौतियों के संबंध में सामूहिक प्रतिक्रिया में मददगार होगा.' प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चौथा बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन अब तक इस समूह के तहत हुई प्रगति को और आगे बढ़ाएगा और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा.

मई की नेपाल यात्रा पर एक बार नजर डालने का भी अवसर

उन्होंने कहा कि बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन से इतर उन्हें बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, भूटान और थाईलैंड के नेताओं से बातचीत करने का अवसर मिलेगा. मोदी ने कहा, ‘मैं नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ बैठक को आशान्वित हूं. इस दौरान मई 2018 में अपनी नेपाल यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्ष करूंगा.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओली और उन्हें पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में नेपाल भारत मैत्री धर्मशाला का उद्घाटन का अवसर मिलेगा.

भारत ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी क्षेत्र को सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध बनाने के लिये बिम्सटेक के सदस्य देशों के साथ 'गंभीर और टिकाऊ' तौर पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई थी.

विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह ने 16वीं बिम्सटेक मंत्रीस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. सिंह ने कहा कि भारत बिम्सटेक को खास तवज्जो देता है क्योंकि यह भारत की 'पड़ोसी पहले' और 'एक्ट ईस्ट' विदेश नीति की प्राथमिकता को पूरा करता है. बिम्सटेक के 21 साल पूरे हो गए हैं और यह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा, 'बिम्सटेक क्षेत्र के देशों को एक साथ लाने में मदद कर रहा है. 16वीं मंत्रीस्तरीय बैठक को संबोधित करते हुये विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने क्षेत्र को सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध बनाने के लिये बिम्सटेक संगठन के सदस्य देशों के साथ 'गंभीर और टिकाऊ' रूप से काम करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया.'

इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा

माना जा रहा है कि इस बैठक में सदस्य देशों के बीच आतंकवाद सहित सुरक्षा के विविध आयाम, मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर अपराध, आपदाओं के अलावा कारोबार एवं सम्पर्क से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी और आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया जायेगा .

सात देश के इस समूह में दक्षेस के पांच देश -बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं. इनके अलावा आसियान के दो देश म्यांमार और थाईलैंड भी इसके सदस्य हैं.

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, आतंकवाद से मुकाबला सभी बिम्सटेक देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है. गोवा में वर्ष 2016 में संपन्न बिम्सटेक आउटरीच सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में आतंकवाद से मुकाबले पर विचार विमर्श हुआ था. उस बैठक में जोर दिया गया था कि आतंकवादी गतिविधियों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता.

बिम्सटेक बैठक से इतर प्रधानमंत्री समूह के देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक एवं चर्चा भी कर सकते हैं.

बिम्स्टेक शिखर बैठक 30 अगस्त को शुरू हो रही है जिसमें समूह के नेता संयुक्त बैठक करेंगे . इसी दिन दोपहर में पूर्ण सत्र होगा. इस दिन रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रात्रि भोज होगा. अगले दिन 31 अगस्त को सदस्य देशों के नेताओं की मुलाकात एवं बैठकें होगी. दोपहर बाद बिम्सटेक का समापन सत्र होगा.