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मॉनसून सत्र में पेश होगा ग्रैच्युटी डबल करने वाला विधेयक

नए विधेयक के तहत बेसिक के 15 दिन के बजाय 30 दिन के हिसाब से मिलेगा ग्रैच्युटी

Bhasha

अगर आप लंबे समय तक किसी कंपनी से जुड़े हुए हैं तो जल्द ही आपको खुशखबरी मिल सकती है. लेबर मिनिस्टर बंडारू दतात्रेय ने कहा है कि टैक्स फ्री ग्रैच्युटी सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने वाला विधेयक मॉनसून सत्र में पेश किया जा सकता है. संसद का मॉनसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो रहा है.

क्या है विधेयक 


किसी कंपनी में 5 साल की नौकरी पूरी करने के बाद कोई कर्मचारी ग्रैच्युटी लेने योग्य होता है. जितने साल कोई कर्मचारी कंपनी में काम करता है उतने साल के बेसिक के 15 दिन की सैलरी ग्रैच्युटी के तौर पर मिलती है. नए विधेयक में इसे 15 दिन के बजाय बढ़ाकर 30 दिन करने का प्रस्ताव है.

ग्रैच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक के बारे में पूछे जाने पर दत्तात्रेय ने कहा, 'यह हमारे एजेंडे में है. इस विधेयक को हम मॉनसून सत्र में पेश कर सकते हैं. जल्दी ही यह मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल में जाएगा.'

कानून में संशोधन के बाद संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी टैक्स फ्री 20 लाख रुपए ग्रैच्युटी ले सकेंगे. फरवरी में लेबर यूनियन समूहों ने द्विपक्षीय बातचीत पर सहमति जताई थी. यूनियन समूह न्यूनतम पांच साल की सर्विस और कम से कम 10 कर्मचारी होने की शर्त हटाने की मांग की थी.

क्या है मौजूदा नियम?

फिलहाल ग्रैच्युटी भुगतान कानून के तहत कर्मचारी को ग्रैच्युटी के लिए कम से कम पांच साल की सर्विस अनिवार्य है. साथ ही जहां 10 से कम लोग काम करते हैं वहां ग्रैच्युटी लागू नहीं होती है. यूनियन यह भी मांग करते रहे हैं कि ग्रैच्युटी की रकम बेसिक के 15 दिन के बजाय 30 दिन के हिसाब से होना चाहिए.