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पुलिस से महिलाओं की अपील: साहब हमारे शौचालय चोरी हो गए, खोज दीजिए

चंदा बाई और बेला बाई अकेली ऐसी महिलाएं नहीं हैं जिनका शौचालय कागजों में बनाकर पैसा हजम कर लिया गया है

FP Staff

छत्तीसगढ़ के मरवाही जिले में चोरी का एक अजीबोगरीब मामला उस समय सामने आया, जब दो महिलाओं ने पेंड्रा थाने पहुंचकर अपने शौचालय चोरी होने की शिकायत पुलिस को दी. महिलाओं ने अपनी शिकायत में चोरी हुए शौचालयों को जल्द तलाश करने और चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

पेंड्रा के अमरपुर गांव में रहने वाली चंदा बाई पटेल और बेला बाई पटेल ने 2015-16 में अपने घरों में शौचालय निर्माण कराए जाने के लिए आवेदन पत्र जमा कराए थे.


वादे तो करते है पर पूरे नहीं करते

ग्राम पंचायत ने गांव के अन्य हितग्राहियों के साथ चंदा बाई और बेला बाई का भी आवेदन मंजूर करते हुए जनपद पंचायत पेंड्रा के हवाले कर दिया. इसके बाद जनपद पंचायत ने सभी आवेदनों के साथ चंदा बाई और बेला बाई के घरों में भी शौचालय निर्माण की मंजूरी देते हुए ग्राम पंचायत अमरपुर को सौंप दिया. लेकिन तब से लेकर आज तक दोनों महिलाएं ग्राम पंचायत के चक्कर काट रही हैं.

इस संबंध में सरपंच और सचिव की ओर से किसी प्रकार की जानकारी न दिए जाने पर दोनों महिलाओं ने बीते दिनों जनपद पंचायत पहुंचकर शौचालय निर्माण के लिए राशि स्वीकृत करने की गुहार लगाई.

इस पर जनपद पंचायत के अफसरों ने बताया कि उनके नाम से शौचालय स्वीकृत हो गया है और शौचालय का निर्माण कार्य पूरा कर राशि भी निकाल ली गई है. अफसरों से यह बात सुनकर दोनों महिलाओं के होश

उड़ गए.

जनपद पंचायत के खुलासे के बाद दोनों महिलाओं ने अब परेशान होकर पेंड्रा थाने में शौचालय चोरी होने की शिकायत दी है और शौचालय चोरी के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए शौचालय वापस दिलाने की बात कही है.

महिलाओं की ओर से दिए गए शिकायत पत्र को देखकर थानेदार इस्लाख खलखों भी परेशान और हैरान हो गए और जल्द से जल्द जांच के बाद इस चोरी के मामले को सुलझाने की बात कही है.

कागजों में बना दिया शौचालय

वहीं, अमरपुर ग्राम पंचायत में चंदा बाई और बेला बाई अकेली ऐसी महिलाएं नहीं हैं जिनका शौचालय कागजों में बनाकर पैसा हजम कर लिया गया है.

अमरपुर गांव में ही रहने वाली 85 साल की बुजुर्ग सावरिया बाई जो सही से चल भी नहीं पातीं और अकेले एक टूटे-फूटे घर में रहकर किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही हैं, उनकी कहानी भी कुछ ऐसी ही है.

कागजों में शौचालय बना होना बताकर सावारिया बाई के शौचालय का पैसा भी अधिकारियों और कर्मचारियों ने हजम कर लिया. वहीं, पेंड्रा पुलिस शौचालय चोरी के इस अनूठे मामले में जांच और विवेचना के बाद ही किसी प्रकार की कार्रवाई करने की बात कह रही है.

ओडीएफ के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार 

गौरतलब है कि स्वच्छता अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के साथ ही जिले और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण कराया जा रहा है. इसे एक अभियान के रूप में चलाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना की गंभीरता का आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि राज्य शासन ने जिले के अलावा नगरीय निकायों को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है.

गांव और शहरी इलाकों को खुले में शौच मुक्त करने के लिए केंद्र शासन की ओर से शौचालय निर्माण के लिए राशि भी दी जा रही है. इसके बाद भी जिला व जनपद पंचायत के अधिकारी और कर्मचारी लगातार लापरवाही भ्रष्टाचार से बाज नहीं आ रहे हैं.

जिले के जिन ब्लॉकों को ओडीएफ घोषित किया गया है. उन ब्लॉकों की स्थिति और पड़ताल के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा भी हो रहा है. अफसरशाह ब्लॉकों को कागजों में ओडीएफ घोषित कर रहे हैं.

न्यूज़ 18 साभार