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बिहार: दलित महिला को निर्वस्त्र घुमाने पर 20 लोगों को मिली सजा

घटना 20 अगस्त को बिहियां इलाके में रेल पटरी के किनारे स्थित एक रेड लाइट क्षेत्र में हुई थी

Bhasha

बिहार में आरा की एक अदालत ने बीते अगस्त 19 साल के युवक की हत्या में शामिल होने के संदेह में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाने के लिए शुक्रवार को 20 लोगों को दो से सात साल की सजा सुनाई.

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र द्विवेदी ने 20 में से पांच आरोपियों को सात साल की और बाकी 15 को दो साल की सजा सुनाई. सभी को बीते 28 नवंबर को दोषी करार दिया गया था.


घटना 20 अगस्त को बिहियां इलाके में रेल पटरी के किनारे स्थित एक रेड लाइट क्षेत्र में हुई थी जहां दामोदरपुर गांव निवासी विमलेश साह का शव, उसके लापता होने के एक दिन बाद मिला था.

भीड़ ने इस संदेह में वहां बड़े पैमाने पर आगजनी की थी कि रेडलाइट क्षेत्र के निवासी हत्या में शामिल थे. भीड़ ने इसके साथ ही दलित महिला की पिटाई की थी और उसके कपड़े फाड़कर उसे सड़कों पर निर्वस्त्र घुमाया था.

जिन पांच व्यक्तियों को सात साल की सजा सुनायी गई है उन पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है और बाकी को दो-दो हजार रुपए का जुर्माना चुकाना होगा.

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने त्वरित सुनवाई का स्वागत करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा और ट्वीट किया, 'यह राजग सरकार द्वारा कानून के शासन को लेकर बनाए गए उच्च मानदंड का ताजा उदाहरण है.'