बीएचयू के सुंदर लाल हॉस्पिटल में मरीजों को बेहोश करने के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जाता था. ये गैस उन गैसों की श्रेणी में नहीं आती जिनका इस्तेमाल चिकित्सा के लिए किया जाता है. इसका खुलासा किया है केंद्र और यूपी सरकार के संयुक्त जांच दल ने.
जांच में यह भी पता चला है कि जो कंपनी इस हॉस्पिटल को गैस सप्लाई करती है, उस कंपनी में बीजेपी विधायक के पिता निदेशक हैं. इलाहाबाद के निजी कंपनी परेरहट इंडस्ट्रियल एंटरप्राइजेज के पास मेडिकल गैस बनाने या बेचने का लाइसेंस भी नहीं है. कंपनी के निदेशक अशोक कुमार बाजपेयी इलाहाबाद उत्तर से बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के पिता हैं.
सुंदर लाल हॉस्पिटल में जून माह में छह से आठ तारीख के अंदर 14 से अधिक मौतें हुई थी. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले के जांच के आदेश दिए थे.
मरीजों को बेहोश करने के लिए नहीं होना चाहिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक जांच दल को पता चला है कि बीएचयू के अस्पताल में मरीजों को बेहोश करने के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जाता था जिसका प्रयोग मरीजों पर नहीं किया जाना चाहिए. इस गैस का प्रयोग उन मरीजों पर किया जाता था जिनकी सर्जरी करने के लिए उन्हें बेहोश करना जरूरी होता था.
18 जुलाई को दी गई इस रिपोर्ट के उत्तर प्रदेश फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने तैयार किया है. हालांकि जांच में ये नहीं कहा गया है कि क्या सामान्य से ज्यादा संख्या में हुई मौतों के लिए नाइट्रस आक्साइड (एन2ओ) जिम्मेदार है या नहीं.
खास बात यह है कि यही कंपनी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, और मोतीलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद में भी सप्लाई करती है. जून माह में हुई मौत के बाद एक मृतक के परिजन ने वाराणसी के लंका थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.