विपक्षी दलों द्वारा नोटबंदी के खिलाफ आज बुलाए गए भारत बंद से पहले ही उनके बीच मतभेद हो गए हैं. लेफ्ट पार्टियां जहां भारत की तैयारी में जुटी हैं, वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां इस भारत बंद के समर्थन में नहीं हैं. हालांकि अधिकतर विपक्षी दल आज सड़क पर उतरकर नोटबंदी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करेंगे. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के इस बंद में शामिल नहीं होने की वजह से इस बंद के बहुत अधिक प्रभावी होने की उम्मीद नहीं है.
नोटबंदी का अधिकतर विपक्षी दल संसद में एक सुर में विरोध कर रहे हैं. लेकिन भारत बंद के सवाल पर इनके आपसी मतभेद सामने आ गए हैं.
बिहार में सत्ताधारी दल जेडीयू के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नोटबंदी के समर्थन में हैं, जबकि सहयोगी दल आरजेडी इस मुद्दे पर असमंजस में हैं. ओडिशा की सत्ताधारी दल बीजू जनता दल नोटबंदी के समर्थन में है. यूपी चुनावों को देखते हुए सपा-बसपा अपने आपसी मतभेद के कारण एक साथ बंद में शामिल नहीं हो रहे हैं.
उधर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी लेफ्ट के साथ अपने मतभेद के कारण इस बंद में शामिल नहीं हो रही हैं. तमिलनाडु की भी विपक्षी पार्टियां इस बंद में शामिल नहीं हो रही हैं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी भी इस बंद में शामिल नहीं है.
हालांकि सड़क पर विपक्षी दल आज प्रदर्शन करेंगे. कांग्रेस आज ‘जन आक्रोश दिवस’ मना रही है. आज शाम को 5 बजे कांग्रेस ने ‘संसद मार्च’ का ऐलान किया है. आप दिल्ली के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी. यह प्रदर्शन सुबह 11 बजे शुरू होगा.
केरल में सत्ताधारी वामदलों के फ्रंट एलडीएफ ने 12 घंटे के बंद का ऐलान किया है तो कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूडीएफ विरोध प्रदर्शन करेगी.
कुल मिलाकर इस बंद का समर्थन सिर्फ वामदल और कुछ मजदूर संगठन कर रहे हैं. इस वजह से इस बंद का प्रभाव बंगाल, केरल, त्रिपुरा और कुछ औद्योगिक क्षेत्रों पर पड़ने की संभावना है.
(एजेंसियों से इनपुट पर आधारित)
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