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राम मंदिर पर भैयाजी जोशी का बयान, कहा- हिंदू भावना को समझकर कोर्ट फैसला करे

भैयाजी जोशी ने राम मंदिर पर संघ के रूख को स्पष्ट किया और कोर्ट से यह अपील की कि वह फैसला सुनाने में लोगों की आस्था का पूरा ख्याल रखे

FP Staff

आरएसएस के कार्यकारी प्रमुख भैयाजी जोशी ने राम मंदिर निर्माण पर एक बड़ा बयान दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने कहा- राम सबके हृदय में रहते हैं पर वो प्रकट होते हैं मंदिरों के द्वारा. हम चाहते हैं कि मंदिर बने. काम में कुछ बाधाएं अवश्य हैं और हम अपेक्षा कर रहे हैं कि न्यायालय हिंदू भावनाओं को समझकर निर्णय देगा. उन्होंने राम मंदिर पर संघ के रूख को स्पष्ट किया और कोर्ट से यह अपील की कि वह फैसला सुनाने में लोगों की आस्था का पूरा ख्याल रखे.

उन्होंने कहा कि दीपावली से पहले खुशखबरी की उम्मीद थी लेकिन मामला अनिश्चितकाल के लिए टल गया है. अगर जरूरत पड़ी तो मंदिर के लिए एकबार फिर आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि अगर मंदिर निर्माण के लिए कोई रास्ता नहीं बचेगा तो कानून की एकमात्र रास्ता है. बता दें कि आज राम मंदिर मुद्दे पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहुंचे थे. हालांकि उन दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसका अभी तक खुलासा नहीं किया गया है.

दरअसल अदालती कार्यवाही में हो रही देरी की वजह से आरएसएस और वीएचपी ने केंद्र सरकार से मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने या कानून बनाने की मांग की है. इस पर भैय्याजी ने कहा कि यह सरकार का अधिकार है. यदि वह चाहे तो मंदिर निर्माण पर अध्यादेश लाकर लोगों की सालों की इच्छा को पूरा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज नहीं तो कल सरकार को इस पर फैसला लेना ही होगा. फिलहाल फैसला सरकार के पास सुरक्षित है. जब उनसे पूछा गया कि जिस तरह से 1992 में आंदोलन किया गया था उस तरीके से आंदोलन किया जाएगा इस मुद्दे पर? इसके जवाब में उन्होंने कहा, आवश्यकता पड़ी तो जरूर करेंगे.

भैयाजी जोशी ने आगे कहा- अध्यादेश जिनके मांगना है वो मांगेगे, ला सकते हैं कि नहीं वो निर्णय सरकार को करना है.