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नोटबंदी के बाद फर्जी कंपनियों ने किए हजारों करोड़ के हेरफेर

बैंकों ने 5800 शेल कंपनियों के 13140 खातों की जांच की रिपोर्ट सौंपी

FP Staff

नोटबंदी के बाद बैंकों में हुई लेनदेन और एकाउंट्स की जांच को लेकर 13 बैंकों ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद शेल कंपनियों ने बैंकों में बड़ी धनराशि जमा की.

13 बैंकों द्वारा दिए गए डेटा के मुताबिक 5800 कंपनियों के पास 31,140 अकाउंट थे. कुछ कंपनियों के तो 100 से भी ज्यादा अकाउंट थे. एक कंपनी के पास सर्वाधिक 2134 अकाउंट पाए गए हैं.


नोटबंदी की घोषणा के ठीक पहले इन कंपनियों के अकाउंट में कुल 22.05 करोड़ रुपए थे. लेकिन 9 नवंबर से, यानी नोटबंदी की घोषणा के बाद, जब तक इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया तब तक इनके 4,573.87 करोड़ रुपए जमा किए गए थे. और लगभग इतनी ही राशि 4552 करोड़ खातों से निकाली भी गई.

गौरतलब है कि ये डेटा उन कुल कंपनियों का मात्र 2.5 प्रतिशत है जिन्हें आरओसी से बाहर किया गया है.

रिपोर्ट की खास बातें-

बैंकों ने अपनी पहली रिपोर्ट सरकार को सौंपी है.

- बैंकों ने 5800 शेल कंपनियों के 13,140 खातों की जांच की रिपोर्ट सौंपी

- इन 13 बैंकों ने कई शेल कंपनियों की संदिग्ध ट्रांजैक्शन पकड़ी है.

-  बैंकों ने 5800 कंपनियों के 13140 खातों की जानकारी मिली.

-  नोटबंदी से पहले इन खातों में 22.05 करोड़ रुपए जमा थे.

- नोटबंदी के बाद इन खातों में 4573 करोड़ रुपए जमा हुए.

- बाद में खातों से 4573 करोड़ रुपए निकाले गए.