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बाबरी विध्वंस मामला: ट्रायल कोर्ट से SC ने पूछा, 2019 अप्रैल तक सुनवाई कैसे होगी पूरी?

सुप्रीम कोर्ट को जब यह बताया गया कि वर्ष 2016 में 101 बार और अप्रैल 2017 तक 13 बार इस केस की सुनवाई स्थगित हुई है, तब उसने यह आदेश जारी किया

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में ट्रायल कोर्ट से पूछा है कि वो 2019 अप्रैल तक कैसे इस मामले की सुनवाई पूरी करेगा. अदालत ने ट्रायल कोर्ट जज को इस पर रिपोर्ट देने और सुनवाई पूरी करने का खाका (प्लान) बताने भी निर्देश दिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत कई अन्य नेता इस मामले में आरोपी हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार इस मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल की मियाद (डेडलाइन) तय की है. सोमवार को जस्टिस आर एफ नरीमन और इंदु मल्होत्रा की बेंच ने मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के विशेष जज एसके यादव की याचिका पर यह आदेश दिया.


यादव ने सौंपी अर्जी में आरोप लगाया कि बाबरी केस की सुनवाई की वजह से उनका प्रमोशन रुक गया है. उन्होंने कहा कि उनके प्रमोशन और ट्रांसफर पर रोक की वजह सुप्रीम कोर्ट का वो आदेश है, जिसमें उसने कहा था कि ट्रायल चलने तक उन्हें बदला नहीं जा सकता. सर्वोच्च अदालत ने 6 दिसंबर, 1992 को कारसेवकों की ओर से बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले की जल्दी सुनवाई के मकसद से यह आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

जज एसके यादव की याचिका पर सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट  को नोटिस जारी किया. साथ ही उन्हें कहा कि वो सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपकर बताएं कि कैसे ट्रायल कोर्ट अगले साल अप्रैल तक मामले को खत्म करेगा.

सुप्रीम कोर्ट को जब यह बताया गया कि वर्ष 2016 में 101 बार और अप्रैल 2017 तक 13 बार केस की सुनवाई स्थगित हुई है, तब उसने यह आदेश जारी किया. अदालत ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को देश के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने के लिए झटका बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के दिग्गज नेताओं (लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य) पर साजिश रचने का आरोप बरकरार रखा था.

बता दें कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की सुनवाई लखनऊ कोर्ट और रायबरेली कोर्ट में चल रही है.