view all

वायु प्रदूषण की गहरी मार, एक साल तक घटती जा रही हमारी जिंदगी

पीएम2.5 प्रदूषक तत्वों के लिहाज से दुनिया के कुल 15 प्रदूषित शहरों में 14 भारत में हैं. इन 14 शहरों में अव्वल कानपुर है जहां पीएम2.5 की मात्रा 173 एमजी/एम3 है

FP Staff

आम लोगों की जिंदगी पर वायु प्रदूषण की गहरी मार पड़ रही है. 'ग्लोबल बरडन ऑफ डिजीज प्रोजेक्ट' के आंकड़ों में बताया गया है कि एशियाई और अफ्रीकी देशों में पीएम2.5 प्रदूषक तत्वों के कारण लोगों की जिंदगी एक साल तक घटती जा रही है.

दक्षिण एशिया के कई देशों, खासकर हिंदुस्तान में लोगों की उम्र डेढ़ से पौने दो साल तक घटती जा रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी प्रकार के कैंसर के खतरों से ज्यादा वायु प्रदूषण का असर देखा जा रहा है.


मई 2018 में डब्लूएचओ ग्लोबल एंबिएंट एयर क्वालिटी डेटाबेस में बताया गया है कि पीएम2.5 प्रदूषक तत्वों के लिहाज से दुनिया के कुल 15 प्रदूषित शहरों में 14 भारत में हैं. इन 14 शहरों में अव्वल कानपुर है जहां पीएम2.5 की मात्रा 173 माइक्रोग्राम्स पर क्यूबिक मीटर (एमजी/एम3) है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि देश की राजधानी दिल्ली में यह मात्रा 143 एमजी/एम3 है. कानपुर के बाद फरीदाबाद (172), वाराणसी (151), गया (149) और पटना (144) का नाम है. हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने साल 2017 से अबतक पीएम2.5 प्रदूषण स्तर का कोई सर्वे जारी नहीं किया है.

अधेड़ और बुजुर्ग लोगों पर पीएम2.5 प्रदूषण की मार क्षेत्रवार अलग-अलग दर्ज की जा रही है. रिपोर्ट बताती है कि समूचे दक्षिण एशिया में पीएम2.5 के प्रभावों को हटा दें तो 60 से 85 साल के लोगों की उम्र 20 फीसदी तक बढ़ सकती है.