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लेखक और कवि योगेंद्र नाथ शर्मा को मिला साहित्य अकादमी का 'भाषा सम्मान'

दक्षिण क्षेत्र से कन्नड़ के प्रख्यात लेखक और आलोचक जी. वेंकटसुबैय्या का भाषा सम्मान के लिए चयन किया गया है

Bhasha

साहित्य अकादमी ने कालजयी और मध्यकालीन साहित्य और गैर मान्यताप्राप्त भाषाओं में योगदान के लिए विभिन्न क्षेत्रों के लेखकों को भाषा सम्मान देने का बुधवार को ऐलान किया.

अकादमी के सचिव श्रीनिवास राव ने बताया कि कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में योगदान के लिए उत्तरी क्षेत्र से (2017 के लिए) हिंदी के प्रख्यात कवि और लेखक डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा 'अरुण' को भाषा सम्मान देने का फैसला किया है.


वहीं दक्षिण क्षेत्र से (2017 के लिए) कन्नड़ के प्रख्यात लेखक और आलोचक जी. वेंकटसुबैय्या का भाषा सम्मान के लिए चयन किया गया है. राव ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र से (2018 के लिए) ओड़िया के प्रख्यात विद्वान और लेखक डॉ गगनेंद्र नाथ दाश को भाषा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि पश्चिम क्षेत्र में मराठी की प्रतिष्ठित लेखिका डॉ. शैलजा बापट को पुरस्कृत किया जाएगा. राव ने बताया कि गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं की श्रेणी में कोशली-संबलपुरी में डॉ. हलधर नाग और डॉ प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी को संयुक्त रूप से पुरस्कार देने का फैसला किया गया है.

उन्होंने बताया कि पाइते भाषा के प्रतिष्ठित लेखक एच. नेङसाङ को 2017 के लिए भाषा सम्मान से नवाजा जाएगा. राव ने बताया कि हरियाणवी भाषा के लिए हरियाणा के प्रतिष्ठित लेखक हरिकृष्ण द्विवेदी और लेखिका डा. शमीम शर्मा को संयुक्त रूप से भाषा सम्मान से नवाजा जाएगा.

अकादमी के सचिव ने बताया कि भाषा सम्मान के तहत पुरस्कार विजेताओं को एक लाख रुपए नकद, एक उत्कीर्ण ताम्र फलक और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है. ये सम्मान भविष्य में कोई दिन निर्धारित कर एक विशेष समारोह में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष द्वारा प्रदान किए जाएंगे.