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वेतन निकालने के लिए लगी बैंकों के बाहर लंबी कतारें

पैसे निकालने के लिए तय की गई सीमा से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

IANS

नई दिल्ली: लोगों का वेतन बुधवार को उनके खाते में आने के बाद बैंकों के बाहर लोगों की कतारों में अचानक फिर से इजाफा हो गया. अपने पैसे निकालने के लिए लोग बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़े दिखे. बीते आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद लोगों को बैंकों व एटीएम से नकद निकालने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं.

घरेलू सहायकों, ड्राइवरों तथा किराना सामानों के लिए नकद में भुगतान करने वालों के लिए मुसीबत और बड़ी है.


नई दिल्ली और नोएडा स्थित कई बैंकों के बाहर लोगों की लंबी-लंबी कतारें दिखीं. ये लोग वेतन आने के बाद पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंचे थे. पैसे निकालने के लिए तय की गई सीमा से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित जनकपुरी की निवासी विशाखा शर्मा ने कहा, ‘मैं पिछले दो घंटे से कतार में खड़ी हूं, क्योंकि अपनी नौकरानी तथा किराना बिल का भुगतान नकद में करना है. मकान का किराया चेक में देने के लिए मैंने मकान मालिक को किसी तरह राजी कर लिया, लेकिन अन्य बिलों के भुगतान के लिए नकद निकालने के लिए मुझे बैंक आना पड़ा.'

योगेश यादव ने कहा, ‘महीना खत्म हो रहा है और मुझे बिलों का भुगतान करना है. मैं 24,000 रुपये निकालने आया था, लेकिन मुझे केवल 10,000 रुपये ही मिले. सिर्फ 10,000 रुपये में सभी बिलों का भुगतान कैसे करूंगा और अपना खर्चा किस तरह चलाऊंगा?’

कई लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई और शिकायत की कि उनकी शिकायतों का निपटारा बैंक नहीं कर रहे. बैंकों को लगता है कि अगर वे पैसे निकालने की उच्च सीमा पर आरबीआई के नियम पर चलते हैं, तो केवल कुछ ही ग्राहकों को पैसे दे पाएंगे.

कृष्णा नगर निवासी राहुल चौहान के खाते में उनका वेतन 29 नवंबर को ही आ गया, लेकिन वे इसे निकाल नहीं पाए. उन्होंने कहा- ‘मैं सुबह तीन बजे से ही बैंक के बाहर कतार में खड़ा था. लेकिन जब मेरा नंबर आया तो बैंक में पैसे खत्म हो गए.’

सुरिंदर कौर ने आरोप लगाया कि बैंककर्मी अपने मित्रों व संबंधियों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘सरकार और बैंक के कुप्रबंधन से मैं बेहद गुस्सा हूं.’

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