तिनसुकिया जिले में पांच लोगों की गोली मार कर हत्या किए जाने के विरोध में शनिवार को 12 घंटे का राज्यव्यापी बंद बुलाया गया है. इस बंद के दौरान असम के कुछ जिलों में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे पटरियों पर धरना दिया और वाहनों पर पथराव किया साथ ही सड़कों पर टायर भी जलाए.
अधिकारियों के मुताबिक सुबह पांच बजे से शुरू हुए इस बंद का सबसे ज्यादा असर बंगाली भाषी लोगों की बहुलता वाली बराक घाटी और ब्रह्मपुत्र घाटी के कुछ हिस्सों में देखने को मिला. सदोऊ असम बंगाली युवा छात्र संघ और सामान विचारधारा वाले कई संगठनों ने गुरुवार रात में हुई घटना के विरोध में बंद का आह्वान किया था.
बांग्ला भाषी परिवार की हत्या के बाद किया बंद का ऐलान
गौरतलब है कि खेरोनीबारी गांव में बंदूकधारियों ने एक परिवार के तीन सदस्यों सहित पांच बांग्ला भाषी व्यक्तियों की गोली मार कर उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद राज्यभर में बंद का ऐलान किया गया. कांग्रेस ने बराक में बंद का समर्थन किया है. जिला बीजेपी अध्यक्ष सुब्रत नाथ ने एक विज्ञप्ति में कहा है बीजेपी हैलाकांडी में धरने को अपना समर्थन दे रही है.
तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ में बंद नहीं है क्योंकि इन दोनों जिलों में शुक्रवार को बंद आयोजित किया गया था. कछार और करीमगंज के बराक घाटी जिलों में दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान, शैक्षणिक संस्थान, निजी कार्यालय बंद हैं और सड़कों पर वाहन नहीं चल रह रही है. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने सिलचर में बंद करवा रहे कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ को हिरासत में ले लिया. जिनें बाद में रिहा कर दिया गया.