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असमः नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ 46 संगठनों ने बुलाया बंद, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद के महासिचव पलाश छांगमई ने कहा कि अगर यह विधेयक कानून बन गया तो असम को वहां गैर कानूनी तौर पर रहने वाले बांग्लादेशियों से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा

FP Staff

विभिन्न स्थानीय समुदायों से संबंधित कम से कम 46 संगठनों ने नागरिकता संशोधन विधेयक-2016 का विरोध करने के लिए 23 अक्टूबर यानी आज असम बंद का आह्वान किया है. कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के नेता अखिल गोगोई ने इस मामले पर कहा है कि असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) और अन्य 40 संगठनों ने बंद के लिए एकसाथ हाथ मिलाया है. अब सब साथ में मिलकर असम के लिए संघर्ष करेंगे. बता दें कि दिल्ली में आज जेपीसी की बैठक है. असम बंद के समर्थकों को भय है कि कहीं इस बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक को कानून में तब्दील करने का फैसला न ले लिया जाए.

यह समस्या सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक जिंदगी से जुड़ी हो सकती है

असम जातियतावादी युवा छात्र परिषद के महासिचव पलाश छांगमई ने कहा कि अगर यह विधेयक कानून बन गया तो असम को वहां गैर कानूनी तौर पर रहने वाले बांग्लादेशियों से कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. यह समस्या सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक जिंदगी से जुड़ी हो सकती है. वहीं इस बंद के चलते असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी चिंता में हैं. दूसरी तरफ असम बंद के आह्वान पर अखिल गोगोई ने कहा- बीजेपी सरकार असम की जाति और माटी की रक्षा का वादा कर यहां सत्ता में आई थी लेकिन वह बहुत जल्द ही अपने वादे से मुकर गई और स्थानीय समुदायों के खिलाफ एक साजिश रच रही है.

यह विधेयक असम में स्थानीय समुदायों को प्रभावित करेगा

गोगोई ने आगे कहा- असम की बीजेपी सरकार संविधान संशोधन विधेयक के जरिए हिंदू बंगालियों को नागरिकता देना चाहती है. मेघालय में मंत्रिमंडल ने विधेयक का विरोध करने का निर्णय पहले ही ले लिया है, जहां बीजेपी भी सरकार का हिस्सा है. उन्होंने कहा, हमने पूरी ताकत के साथ विधेयक का विरोध करने का निर्णय लिया है क्योंकि यह असम में स्थानीय समुदायों को प्रभावित

करेगा. गोगोई ने असम सरकार से यह मांग भी की है कि वह हिंदू बंगालियों के संगठन द्वारा नागरिकता विधेयक के समर्थन में 17 नवंबर 2018 को प्रस्तावित हुए एक सम्मेलन को रोके.

हिंदू बंगालियों के सम्मेलन को रोकने की मांग

उन्होंने यह धमकी भी दी है कि यदि हिंदू बंगालियों को सम्मेलन आयोजित करने की अनुमति दी गई तो इसके गंभीर परिणाम देखे जाएंगे. उन्होंने कहा हिंदू बंगाली संगठनों को आरएसएस का समर्थन प्राप्त है और वह असम में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करना चाहते हैं. हम मांग करते हैं कि सरकार इस सम्मेलन को रोके. आपको बता दें कि असम में इस बंद के चलते आज सभी कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और बाजार बंद रहेंगे. ये बंद सुबह 5 बजे से शुरू हुआ है जो कि शाम 5 बजे तक चलेगा.