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महाभियोग पर जेटली का पलटवार: जजों को धमकाने लिए महाभियोग लाई कांग्रेस

जेटली ने जज लोया मौत मामले को झूठ का पुलिंदा करार दिया है जिसका सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पर्दाफाश हो गया

FP Staff

जज लोया मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर एक बयान जारी किया है. इस बयान में उन्होंने डीवाई चंद्रचूड़ के लिखे 114 पेज के फैसले का हवाला दिया है. जेटली ने लिखा है कि कैसे एक राष्ट्रीय पार्टी, कुछ रिटायर्ड जज और कुछ वकीलों ने जज लोया मामले के बारे में भ्रामक जानकारियां दीं. जेटली ने जज लोया मौत मामले को झूठ का पुलिंदा करार दिया है जिसका सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पर्दाफाश हो गया.

सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के समर्थन में सफाई पेश करते हुए जेटली ने विस्तार से लिखा है कि लोगों के बीच में झूठ फैलाकर शाह को फंसाने की कोशिश की गई, जबकि कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. जेटली ने उन दो लोगों का भी जिक्र किया है जिन्होंने शाह को 75 लाख रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाया. जबकि वे दोनों कभी शाह से मिले ही नहीं. जेटली ने अपने बयान में लिखा है कि कथित सोहराबुद्दीन मुठभेड़ ऐसा मामला था जो वाकई कभी हुआ ही नहीं.


वित्त मंत्री जेटली ने कारवां पत्रिका की एक फर्जी खबर का भी हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला बताता है कि 1 दिसंबर 2014 को जज लोया को नागपुर में सीने में दर्द हुआ. उनके साथ दो और जज थे. बाद में कुछ और जज लोया को एक कार में अस्पताल ले गए जहां उनका ईसीजी हुआ. बाद में उन्हें किसी दूसरे कार्डियोलॉजी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया. जब तब वे दूसरे अस्पताल में पहुंचते, उनका दर्द काफी बढ़ गया और उनका निधन हो गया. इलाज के दौरान उनके साथ गए जजों और परिजनों के बयान के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत को प्राकृतिक मौत बताया है. जबकि कारवां पत्रिका ने इस पूरे मामले पर फर्जी खबर चलाई ताकि लोगों के बीच इस मामले को तूल दिया जा सके.

सु्प्रीम कोर्ट के एक जज के महाभियोग पर जेटली ने लिखा है कि यह 'अक्षमता' या 'सिद्ध दुराचार' के आधार पर ही किया जा सकता है लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों ने इसे राजनीतिक औजार बना लिया है. जेटली ने लिखा है, कांग्रेस जज लोया मामले में मुंह की खाने के बाद महाभियोग का मुद्दा लेकर आई है. कांग्रेस ने एक तरह से जजों को धमकाने का काम किया है कि अगर वे हमारी बात नहीं मानते हैं तो 50 सांसद उनसे बदला लेने के लिए तैयार हैं. जेटली ने आगे कहा, ये ऐसे कृत्य हैं जिनका न्यायिक कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है.

जेटली ने अंत में पूछा है कि क्या महाभियोग उस प्रेस कॉन्फ्रेंस (सीजेआई के खिलाफ चार जजों की पीसी) की अगली कड़ी है? क्या महाभियोग एक ऐसा रास्ता तैयार नहीं कर रहा जब कोई पार्टी अपने स्वार्थ के लिए जजों को विवादित मुद्दे में घसीटेगा? जेटली ने लिखा, आज का जो दिन है, उससे भारतीय न्यायपालिका को आगे चलकर बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.