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14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया संदिग्ध आतंकी नासिर

हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध नासिर को बीते 14 मई को भारत-नेपाल सीमा स्थित सोनौली बॉर्डर से पकड़ा गया था

Bhasha

महराजगंज जिले के नेपाल से सटे सोनौली सीमा पर गिरफ्तार किये गए संदिग्ध आतंकी नसीर अहमद वानी को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.

आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध नासिर को सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) ने बीते 14 मई को भारत-नेपाल सीमा स्थित सोनौली बॉर्डर पर पकड़ा था.


सरकारी वकील ने बताया कि गिरफ्तार नासिर को 16 मई को पूछताछ के लिए अदालत ने एटीएस को 12 दिन की रिमांड पर सौपा था. रिमांड अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को उसे अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नासिर से पूछताछ के लिए अदालत से उसे रिमांड पर लेने की मांग की लेकिन अदालत ने उसे स्वीकार नहीं किया. जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना था कि उसके खिलाफ वहां मुकदमे दर्ज हैं.

नेपाल के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश कर रहा था

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के बनिहाल के रहने वाला नसीर अहमद उर्फ सादिक शॉल और कालीन विक्रेता के रूप में नेपाल के रास्ते भारत में घुसने की कोशिश कर रहा था. इसी दौरान एसएसबी जवानों ने उसे धर दबोचा.

नसीर के पास से एक पाकिस्तानी पासपोर्ट और पहचान पत्र मिला था जिसके अनुसार वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजारात जिले के लाला मूसा गांव का रहने वाला था. सशस्त्र सुरक्षा बल ने नसीर को पकड़कर उत्तर प्रदेश एटीएस के हवाले कर दिया था.

नसीर 2002-2003 में हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा था और आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया था. वह कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था. 2002 में बनिहाल में सेना के साथ मुठभेड़ में उसे गोली भी लगी थी. एसएसबी के प्रवक्ता के मुताबिक नसीर सितंबर 2003 से पाकिस्तान में रह रहा था. वो भारत में 2003 में एटीएफ कैंप पर हमले समेत कई आतंकी हमलों में शामिल था.